लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
मंगला गौरी व्रत में करें ये कार्य मिलेगा शुभ लाभ
सावन के महीने में महादेव के साथ-साथ आदि शक्ति माता गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. विवाह सुख का पाने के लिए मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. सावन के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. इस समय के दौरान मंगला गौरी के व्रत रखने पर मनोवांछित फल मिलते हैं. सावन में होने वाले इस व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है. एक ओर जहां महागौरी सुहागिनों को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं. दूसरी ओर कुंडली के दोषों को दूर करने वाला समय होता है. इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं.
सावन शिवरात्रि पर 11 ब्राह्मणों द्वारा 11 विशेष वस्तुओं से कराएं महाकाल का सामूहिक महारुद्राभिषेक एवं रुद्री पाठ 2023
मंगला व्रत से कुंडली के दोष होते हैं शांत
कई बार ऐसा होता है कि काफी कोशिशों के बाद भी शादी तय नहीं हो पाती है. हर कोशिश के बाद भी शादी नहीं हो पाती है. अगर शादी तय भी हो जाए तो किसी न किसी कारण से टूट जाती है, यह न सिर्फ सामान्य घटना है बल्कि कुंडली में मौजूद मंगल दोष के कारण भी हो सकता है. कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें मंगला गौरी व्रत के दिन किया जाए तो विवाह में आ रही बाधाएं अपने आप दूर हो जाती हैं.
कुंडली में मंगल दोष के कारण विवाह नहीं हो पाता है. ऐसे में सावन के मंगला गौरी व्रत के सातवें दिन माता पार्वती की पूजा के साथ-साथ सच्चे मन से “ ऊँ गौरी शंकराय नम:” मंत्र का जाप करना शुभ फल देने वाला होता है. इस समय पर मंगल पूजा करने से मंगलदोष की शांति होती है.
सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक - 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023