सावन का आरंभ ही इस बार मंगलागौरी व्रत से होगा. इस साल सावन में 9 मंगला गौरी व्रत होंगे. मंगला गौरी व्रत को सौभाग्य के सुख की प्राप्ति हेतु विशेष माना गया है. इस व्रत को रखने से पति की उम्र लंबी होती है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
मंगलवार को मंगला गौरी व्रत करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती हैं. व्रत के दिन माता पार्वती की पूजा होती है. देवी को सुहाग की सामग्री अर्पित करते हैं इस साल सावन 4 जुलाई, मंगलवार से शुरू हो रहा है. सावन के पहले दिन ही मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. सावन की शुरुआत मंगला गौरी व्रत से हो रही है. इस दिन आप माता गौरी के साथ-साथ महादेव का भी आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
श्रावण मास 2023 में मंगला गौरी व्रत समय
पंचांग के अनुसार इस साल सावन में 9 मंगला गौरी व्रत हैं. हर साल केवल 4 या 5 मंगला गौरी व्रत होते हैं. लेकिन इस साल सावन में अधिक महीने जुड़ रहे हैं इसलिए सावन 59 दिनों का हो रहा है. ऐसे में मंगला गौरी व्रत की संख्या बढ़ गई है.
04 जुलाई सावन का पहला मंगला गौरी व्रत
11 जुलाई सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत
22 अगस्त सावन का तीसरा मंगला गौरी व्रत
29 अगस्त सावन का चौथा मंगला गौरी व्रत
18 जुलाई सावन अधिक मास का पहला मंगला गौरी व्रत
25 जुलाई सावन अधिक मास का दूसरा मंगला गौरी व्रत
01 अगस्त सावन अधिक मास का तीसरा मंगला गौरी व्रत
08 अगस्त सावन अधिक मास का चौथा मंगला गौरी व्रत
15 अगस्त सावन अधिक मास की पंचमी मंगला गौरी व्रत
सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 4 जुलाई को है 18 जुलाई, मंगलवार से अधिक मास शुरू हो रहा है. ऐसे में सावन अधिक मास होने से मंगला गौरी व्रत में वृद्धि देखने को मिलेगी.
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
मंगला गौरी व्रत का महत्व
मंगला गौरी व्रत रखने से पति की उम्र लंबी होती है. यह व्रत अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है. मंगला गौरी व्रत वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए भी रखा जाता है. मां गौरी की कृपा से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. परिवार में सुख-शांति आती है. मंगला गौरी व्रत रखने से मां पार्वती की कृपा से संतान सुख प्राप्त हो.