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Mahashivratri 2022 : महाशिवरात्रि पर होगा पंचग्रही योग का निर्माण, दिलाएगा ग्रह दोषों से मुक्ति  

Myjyotish Expert Updated 23 Feb 2022 05:46 PM IST
महाशिवरात्रि पर होगा पंचग्रही योग का निर्माण
महाशिवरात्रि पर होगा पंचग्रही योग का निर्माण - फोटो : google
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शिवरात्रि एक रात्रि जागरण एवं आध्यात्मिक ज्ञान जागृति का समय है, जो भक्त इस रात के चारों प्रहरों में जागकर शिव की पूजा करते हैं उन्हें भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है. ऐसा माना जाता है कि इस रात शिव और माता पार्वती एक साथ भ्रमण पर जाते हैं. महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले पर इनकी विशेष कृपा होती है. 1 मार्च 2022 को मंगलवार को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा है.  इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन ज्योतिष की एक महत्वपूर्ण स्थिति भी दिखाई देगी जिसके अनुसार इस दिन पंचग्रही योग बन रहा है. महाशिवरात्रि के दिन को बुध, शुक्र, मंगल, शनि और चंद्रमा मकर राशि में रहेंगे. सूर्य-गुरु कुम्भ राशि में रहेंगे. इस बार शिवरात्रि मंगलवार को मनाई जाएगी और इस बार कारक ग्रह मंगल मकर राशि में उच्च का होगा.  इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा और इस नक्षत्र का स्वामी मंगल है. शनि अपनी मकर राशि में होंगे तथा बुध-शुक्र पर भी मित्र राशि का असर होगा. चंद्रमा और शनि की मकर राशि में युति होने से विष योग भी बनेगा. महाशिवरात्रि पर बन रहे इन योगों से महंगाई बढ़ सकती है लेकिन लाभ भी उभरेंगे. प्राकृतिक घटनाएं प्रभावित करेंगे.

महाशिवरात्रि पंचग्रही

पंचग्रही योग के समय पर ग्रह शांति पूजा भी उत्तम फल प्रदान करने वाली होगी. इस समय पर इन पांच ग्रहों की पूजा के साथ ही समस्त प्रकार के शुभ फलों को पाने का समय बनेगा. इस सभी के अलावा सामर्थ्य अनुसार मन वचन कर्म से की गई पूजा अत्यंत शुभ फलों को प्रदान करती है. महाशिवरात्रि पर सभी ग्रहों की शांति हेतु मंत्र जाप एवं शिवलिंग अभिषेक का अत्यंत शुभ फल प्राप्त होता है. 

महाशिवरात्रि पर सरसों के तेल का अभिषेक दिलाएगा कर्ज मुक्ति, शत्रु विनाश और मुकदमों में जीत

महाशिवरात्रि ग्रह शांति पूजा 
इस दिन बुध ग्रह की शांति के लिए भगवान शिव को बेल पत्र अवश्य अप्रित करने चाहिए तथा बुध मंत्र “ऊँ बुं बुधाय नमः” का जाप करना चाहिए इसके द्वारा कुंडली में मौजूद बुध ग्रह यदि खराब स्थिति में है तो उसके शुभ फल प्राप्त होंगे तथा बुध के अशुभ प्रभावों की समाप्ति संभव होगी. 

मंगल दोष निवारण 
महाशिवरात्रि के दिन मंगल दोष से मुक्ति पाने के लिए मिट्टी या तांबे के लोटे में जल और दूध को मिलाकर अभिषेक करना चाहिए तथा मंगल मंत्र “'ॐ धरणीगर्भसंभूतं विद्युतकान्तिसमप्रभम। कुमारं शक्तिहस्तं तं मंगलं प्रणमाम्यहम।।”का जाप करना चाहिए ऎसा करने से मंगल शांति का योग बनता है. 

शनि ग्रह शांति 
शनि ग्रह की शांति के लिए इस दिन दूध तथा शहद से शिवलिंग का अभिषेक करें तथा बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल अर्पित करना उत्तम होता है इसी के साथ शनि मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः। ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥ ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।”का जाप करना चाहिए ऎसा करने से शनि शाम्ति होती है. 

चंद्र ग्रह शांति उपाय 
चंद्र ग्रह के दुष्प्रभावों की शांति के लिए शिव पूजा को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है. भगवान शिव ने चंद्र को अपने मस्त पर धारण किया है अत: शिवलिंग अभिषेक के समय कच्चे दूध से अभिषेक करना तथा ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:। या  ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:  मंत्रों का जाप करना बहुत शुभ होता है और इससे चंद्र ग्रह से संबंधित खराब प्रभाव दूर होते हैं तथा शुभ फलों की प्राप्ति होती है. 

गृह दोषों को दूर करने के लिए महाशिवरात्रि पर करवायें महामृत्युंजय जाप व् रुद्राभिषेक


 
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