Mahalaxmi Vrat 2023
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आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को महालक्ष्मी व्रत करने की परंपरा है. इस के साथ ही इस दिन के अलावा भी लक्ष्मी पूजन एवं लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने हेतु यदि कुछ उपाय कर लिए जाएं तो इनका बेहद शुभ फल भक्तों को प्राप्त होता है. देवी लक्ष्मी के पूजन में कई तरह से धार्मिक कार्य किए जाते हैं. इसमें से कुछ स्थानों पर इस दिन केवल मिट्टी के हाथियों की ही पूजा की जाती है. तो कुछ स्थानों पर चांदी के हाथी को घर पर लाना बेहद ही शुभ माना जाता है. देवी को गज लक्ष्मी से भी संबोधित किया जाता है अत: देवी लक्ष्मी के पूजन में हाथी पूजा एवं इन्हें घर पर लाना शुभ माना जाता है. लक्ष्मी व्रत में लाल रंग के साथ पीले रंग का उपयोग विशेष रुप से होता है. इस दिन श्रृंगार सामग्री भी माता को अर्पित की जाती है.
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महालक्ष्मी व्रत का महत्व
देवी लक्ष्मी के व्रत एवं पूजन से संबंधित अनेकों कथाएं प्राप्त होती हैं. इसमें से एक पौराणिक कथा महर्षि वेदव्यास जी से भी जुड़ी मानी जाती है. कथा अनुसार जब ऋषि हस्तिनापुर आते हैं तो वहां देवी कुंती ने ऋषि वेदव्यास से पूछा, हे ऋषि, कृपया वह उपाय बताएं जिससे की देवी देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहें तब महर्षि वेदव्यास ने कहा कि अश्विनी कृष्ण अष्टमी को देवी महालक्ष्मी का व्रत करना बहुत शुभ होता है. इसके अलावा शुक्रवार के दिन देवी का आशीर्वाद भक्तों को प्राप्त होता है.
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महालक्ष्मी व्रत पूजन एवं उपाय लाभ
श्री लक्ष्मी जी के पूजन में श्री सूक्त का पाठ करना कमल गटटे की माला द्वारा लक्ष्मी मंत्र जाप करना तथा लाल गुलाब माता को अर्पित करना शुभ कार्य होते हैं. लक्ष्मी व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाददेवी के श्री सूक्त का पाठ करना चाहिए.
देवी को इस दिन दूध के द्वारा अभिषेक करना शुभ फल प्रदान करता है. इस दिन पर देवी लक्ष्मी प्रसन्न करने हेतु लक्ष्मी मंत्रों का पाठ अवश्य करना चाहिए. मंत्रों के जाप द्वारा भक्त की हर मनोकामना पूरी होती हैं.
लक्ष्मी व्रत के दौरान हाथियों की पूजा का विधान रहा है. इस दिन चांदी से बना हाथी घर लाना शुभता का प्रतीक बनता है.
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देवी लक्ष्मी के पूजन में श्री विष्णु जी करना भी आवश्यक होता है तथा इसी के साथ गणपति का पूजन सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करने वाला होता है.