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Home ›   Blogs Hindi ›   Mahalaxmi Vrat 2023: Know the importance of Mahalaxmi Vrat and Lakshmi Puja rituals

Mahalaxmi Vrat 2023: महालक्ष्मी व्रत जानें व्रत का महत्व और लक्ष्मी पूजा विधान

my jyotish expert Updated 19 Sep 2023 02:15 PM IST
Mahalaxmi Vrat 2023
Mahalaxmi Vrat 2023 - फोटो : my jyotish
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भादो माह में आना महालक्ष्मी व्रत भक्तों को शुभता एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करने वाला होता है. इस समय पर किया गया देवी लक्ष्मी जी क अपूजन समस्त सुखों को प्रदान करता है. महालक्ष्मी व्रत के दौरान देवी लक्ष्मी की पूजा के साथ मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है. जीवन में धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है. आईये जानें कैसे करें इस बार देवी लक्ष्मी का पूजन महालक्ष्मी व्रत महत्व.

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पुराणों के अनुसार महालक्ष्मी व्रत दुख और दरिद्रता का नाश करने वाला माना गया है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से देवी लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और आर्थिक तंगी दूर हो जाती है. इस व्रत के माहात्म्य को सुनने से व्यक्ति को अपना खोया मान सम्मान भी प्राप्त होता है. धन, संपत्ति और सम्मान जीवन में बना रहता है. इस दिन की कथा महाभारत काल से भी संबंध रखती है.  कथा के अनुसार, जब पांडव चौपड़ में अपना सब कुछ हार गए थे, तब श्रीकृष्ण की सलाह पर पांडवों ने धन देने वाला महालक्ष्मी व्रत किया था.धन की देवी माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भाद्रपद माह में 16 दिनों तक महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है. इस व्रत के प्रभाव से भक्त को अपार शुभता की प्राप्ति होती है. 

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महालक्ष्मी व्रत शुभ मुहूर्त
महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से आरंभ होकर आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को समाप्त होता है. मान्यता है कि इस व्रत के दौरान मां लक्ष्मी की पूजा, पाठ और मंत्रों का जाप करने से धन, समृद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है. घर में बरकत बनी रहती है.  पंचांग के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत शुक्रवार, 22 सितंबर 2023 से शुरू होगा और शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगा.

देवी पूजन के लिए यह दिन बहुत ही शुभ होते हैं. महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत पर सप्तमी तिथि पूजन के साथ अष्टमी भी मनाई जाएगी. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर 2023 को दोपहर 01:35 बजे शुरू होगी और 23 सितंबर 2023 को दोपहर 12:17 बजे समाप्त होगी. तिथियों में भिन्नता के आधार पर, व्रत की अवधि कभी-कभी पंद्रह दिन या सत्रह दिन भी होती है. इस साल पूरा महालक्ष्मी व्रत 15 दिनों का है. 

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लक्ष्मी मंत्र 
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नम तथा ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ इत्यादि मंत्रों के जाप द्वारा इस दिन पूजन से व्यक्ति को सभी सुखों की प्राप्ति होती है.
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