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Magh kalpvas 2024 : माघ माह की पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा माघ स्नान और कल्पवास का पर्वsignificance of kalpvas: इस माह कल्पवास का समापन माघी पूर्णिमा पर होगा. इसी के साथ संपन्न होगा माघ माह का स्नान दान से जुड़ा पर्व.
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Magh kalpvas 2024 : माघ माह की पूर्णिमा के साथ समाप्त होगा माघ स्नान और कल्पवास का पर्व
significance of kalpvas: इस माह कल्पवास का समापन माघी पूर्णिमा पर होगा. इसी के साथ संपन्न होगा माघ माह का स्नान दान से जुड़ा पर्व. माघ माह में होने वाले सभी धार्मिक कार्यों की होगी समाप्ति पूर्णिमा के साथ.
Magh kalpvas Snan : माघ माह के दौरान किया जाने वाला स्नान दान और कल्पवास का नियम जीवन को समस्त प्रकार के सुखों को देने वाला माना गया है.आइये जानते हैं इस साल माघ माह में होने वाले कल्पवास के अंतिम पड़ाव का महत्व
माघ माह के कल्पवास और इसके महत्व का वर्णन श्री हरि स्वयं बताते हैं. कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी को इस एक महीने के भीतर अच्छे कर्म प्राप्त करने और जप और अन्य कार्य करने से फल मिलने की शुभता को बताते हैं. यह महीना अन्य महीनों की तुलना में काफी महत्व रखता है.
माघ स्नान के साथ कल्पवास का महत्व
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार लक्ष्मी देवी ने श्रीहरि से कल्पवास पूजा एवं महत्व के बारे में जानना चाहा. श्रीहरि ने उन्हें बताया कि वह कल्पवास में पुण्य कार्य या स्नान, जप, होम जैसे अच्छे कर्म करने से फल प्राप्त करने में मदद मिलेगी.श्रीहरि ने लक्ष्मी देवी से यह भी कहा कि जो लोग इस महीने के दौरान ये पुण्य कार्य नहीं करते हैं, वे दुख, शोक आदि से पीड़ित रहते हैं. यदि व्यक्ति इन कार्यों को पूरे महीने नहीं कर सकता है, तो कम से कम एकादशी, चतुर्दशी, द्वादशी, पूर्णिमा के समय पर अवश्य स्नान दान के कार्य को करे.माघ माह और कल्पवास का नियम विशेष
कल्पवास के दौरान व्रत रखना, धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना, मंत्र जप आदि धार्मिक अनुष्ठान करना शुभ होता है.कल्पवास के दौरान व्रत रखने से आप सौ यज्ञ कर सकते हैं और सुख, शांति और सद्भाव प्राप्त करते हैं. इस व्रत द्वारा अच्छे स्वास्थ्य, धन प्राप्त करना और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करना. मुख्य होता है. जो लोग कल्पवास करते हैं. इस समय पर अच्छे कर्म करते हैं, अपनी इंद्रियों पर काबू रखते हैं वे अपने दुखों को खत्म कर पाते हैं. पुनर्जन्म के चक्र से बच जाते हैं. यह पापों को समाप्त करने में मदद करता है.माघ मास व्रत नियम प्रभाव
इस दौरान अलग-अलग समय पर भी व्रत कर सकते हैं. यह या तो पूरा माह किया जाता है या फिर साप्ताहिक भी किया जा सकता है. यह व्यक्ति की सहनशीलता के स्तर पर भी निर्भर करता है. अलग-अलग व्रत हो सकते हैं जैसे पानी या किसी भी तरल पदार्थ के साथ या उसके बिना पूर्ण उपवास. साथ ही एक समय भोजन कर फलाहार के साथ उपवास किया जा रहा है. कुछ व्यक्ति पवित्र ग्रंथों कथा को करते हैं. इस पवित्र महीने में नियमों का पालन करते हैं और धर्म गतिविधियों को करते हैं उन्हें जीवन के सभी पापों को धोने में मदद मिलती है.इस महीने के दौरान साधक श्रीमद्भागवत पुराण, श्रीमद् देवीभागवत आदि वैदिक पुस्तकों का पाठ करते हैं. इस समय पर श्लोक, विष्णु सहस्रनाम और उनसे संबंधित सूक्तों का जाप करना सबसे अच्छा है. इस महीने के दौरान निस्वार्थ कार्य करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक योग्यता अर्जित करने में मदद मिलती है. भगवान से आशीर्वाद पाने के लिए, पूर्णिमा के समय पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त के बीच उठना और लक्ष्मी-नारायण की मूर्तियों को स्नान सोडाशोपचार पूजन करना चाहिए.
माघ माह में इन मंत्रों का जाप दिलाता है सफलता
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
ॐ विष्णवे नम:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
ॐ हूं विष्णवे नम: