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Maa Shailputri Pujan 2024: नवरात्रि के पहले दिन ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें शैलपुत्री मंत्र और विधिNavratri Shailputri Muhurat शारदीय नवरात्रि के पहले दिन होटि है देवी शैल पुत्री की पूजा. शैलपुत्री पूजा के साथ आरंभ होती है देवी साधना. नवरात्रि प्रथम दिन पर घटस्थापना के बाद से शैलपुत्री माता का पूजन किया जाता है.
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Navratri 1st Day नवरात्रि के समय पर पहले दिन का समय शुभ संयोगों वाला होता है. इस दिन गुड़ी पड़वा, युगादी, उगादी, विक्रम संवत एवं हिंदू नव वर्ष का आरंभ समय भी होता है. ऎसे में देवी नवरात्रि के कलश स्थापना का मुहूर्त प्रात:काल पूजन के साथ आरंभ होता है. इसके बाद माता के पहले रुप शैलपुत्री की पूजा होती है. आइये जान लेते हैं माता शैलपुत्री मंत्र, शैलपूत्री पूजा विधि और अन्य विशेष बातें : - नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने की परंपरा है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन देवी पूजन
चैत्र माह में आने वाली पहली नवरात्रि के दिन का आरंभ धूमधाम से शुरु होता है. माता का विशेष मंत्रों से पूजन आरंभ किया जाता है. अनुष्ठान यज्ञ हवन इत्यादि कार्य इस समय विशेष होते हैं. नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा की परंपरा है. इस दिन से देवी मां का आगमन होता है. इसी के साथ देवी पक्ष शुरू होता है. मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. आइए जानते हैं कि नवरात्रि के पहले दिन देवी मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा कैसे की जाती है. पूजा में किन मंत्रों काजाप देता है शुभ प्रभाव. मंत्र जाप के साथ आरती तथा माता को अर्पित करने वाली सामग्री इत्यादि.
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शैलपुत्री पूजा मुहूर्त विशेष मंत्र
नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है. इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहने जाते हैं. अखंड ज्योति जलाई जाती है. शुभ मुहूर्त में घट स्थापना होती है. मां शैलपुत्री का आह्वान करते हैं. देवी मां की पूजा में लाल रंग के फूलों का प्रयोग करना शुभ होता है. मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी चीजों का भोग लगाना चाहिए.
मां शैलपुत्री मंत्र जाप
ॐ ऐं ह्नीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:
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ओम् ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभंगिनी
पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी
रत्नयुक्त कल्याणकारिणी
मां शैलपुत्री आरती
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शैलपुत्री मां बैल सवार. करें देवता जय जयकार.
शिव शंकर की प्रिय भवानी. तेरी महिमा किसी ने ना जानी
पार्वती तू उमा कहलावे. जो तुझे सिमरे सो सुख पावे.
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू. दया करे धनवान करे तू.
सोमवार को शिव संग प्यारी. आरती तेरी जिसने उतारी.
उसकी सगरी आस पुजा दो. सगरे दुख तकलीफ मिला दो.
घी का सुंदर दीप जला के. गोला गरी का भोग लगा के.
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं. प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं.
जय गिरिराज किशोरी अंबे. शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे.
मनोकामना पूर्ण कर दो. भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो.
शैलपुत्री मां बैल सवार. करें देवता जय जयकार.
शिव शंकर की प्रिय भवानी. तेरी महिमा किसी ने ना जानी