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Maa Chandraghanta Puja : नवरात्रि का तीसरा दिन, ऐसे करें मां चंद्रघंटा की पूजा पूर्ण होगी मनोकामनाएं

Acharya Rajrani Sharma Updated 10 Apr 2024 02:41 PM IST
Maa Chandraghanta Puja
Maa Chandraghanta Puja - फोटो : myjyotish

खास बातें

Navratri 2024 Day 3: देवी साधना का तीसरा दिन होता है माँ चंद्रघंटा पूजन के लिए विशेष. नवरात्रि का तीसरा दिन और इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. आइये जान लेते हैं माँ चंद्रघंटा पूजन, माँ चंद्रघंटा मंत्र एवं माँ चंद्रघंटा आरती.
 
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Navratri 2024 Day 3: देवी साधना का तीसरा दिन होता है माँ चंद्रघंटा पूजन के लिए विशेष. नवरात्रि का तीसरा दिन और इस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. आइये जान लेते हैं माँ चंद्रघंटा पूजन, माँ चंद्रघंटा मंत्र एवं माँ चंद्रघंटा आरती.

Maa Chandraghanta Puja Vidhi:देवी चंद्रघंटा पूजन से मिलती है ग्रहों की शांति. माँ चंद्रघंटा की पूजा द्वारा भक्ति का तीसरा चरण आरंभ होता है. इस शुभ दिन भक्त देवी के चरणों में अपनी भक्ति ओर आस्था को रखते हैं. इस पूजा में माँ चंद्रघंटा की विधि विधान के साथ पूजा संपन्न होती है. 

नवरात्रि 2024 के तीसरे दिन, मां चंद्रघंटा व्रत किया जाता है. इस समय पर पूजा को शुभ मुहूर्त समय पर करते हैं. शास्त्रों के अनुसार इस दिन मां दुर्गा के तीसरे रूप चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां दुर्गा का पहला रुप शैलपुत्री और दूसरा ब्रह्मचारिणी इसके बाद चंद्रघंता है. मान्यताओं के अनुसार भगवान शंकर को पाने के लिए है, जब मां को भगवान शंकर पति के रूप में मिल जाते हैं तो वह आदिशक्ति के रूप में प्रकट होती हैं और चंद्रघंटा बन जाती हैं.आइये जान लेते हैं माता के पूजा विधान और मंत्र एवं आरती.

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मॉं चंद्रघण्टा पूजा 2024  Maa Chandraghanta Puja

नवरात्रि के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है. शास्त्रों के अनुसार मां का यह रूप अत्यंत तेजस्वी और स्नेहमयी माना जाता है. माता के स्वरुप का वर्ण अत्यंत मनोरम है मां के सिर पर घंटे के आकार का मुकुट है, इसलिए मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा. इस दिन लाल वस्त्र पहनकर मां की पूजा करना बहुत शुभ होता है.  देवी भागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा का यह स्वरूप अत्यंत शांतिदायक और कल्याणकारी है. इनके माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसीलिए देवी को चंद्रघंटा कहा जाता है. तीसरे चक्र पर विराजमान मां दुर्गा की यह शक्ति ब्रह्मांड के दस प्राणों और दिशाओं को संतुलित करती है और महान आकर्षण प्रदान करती है. इनकी आराधना से भक्त सहज ही सभी सांसारिक कष्टों से मुक्त होकर परम पद के अधिकारी बन जाते हैं.

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Maa Chandraghanta Ki Aarti - मां चंद्रघंटा की आरती

 मां चंद्रघंटा का ध्यान मंत्र

पिण्डजप्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्रचर्युता.
प्रसादं तनुते मह्यम्, चन्द्रघण्टेति विश्रुता.

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मां चंद्रघंटा आरती

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
चंद्र समान तुम शीतल दाती।
चंद्र तेज किरणों में समाती।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
क्रोध को शांत करने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
मन की मालक मन भाती हो।
चंद्र घंटा तुम वरदाती हो।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
सुंदर भाव को लाने वाली।
हर संकट मे बचाने वाली।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
मूर्ति चंद्र आकार बनाएं।
सन्मुख घी की ज्योत जलाएं।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगदाता।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
कांची पुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।
नाम तेरा रटू महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।
जय मां चंद्रघंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे सभी काम।

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