इस दिन से ही समय की अवधि घटने लगती है और दिन रात की स्थिति में अंतर दिखाई देने लगता है. यह बदलाव मौसम पर भी अपना असर डालने वाला होता है. इस समय को साल के सबसे लम्बे दिन के रुप में जाना जाता है ओर रात का समय सबसे छोटा कहा जाता है.
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आइये जानते हैं इस खगोलिय घटना के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
जून माह बदलाव का समय
जून माह के 21 तारिख के करीब का समय सबसे लम्बे दिन के रुप में जाना जाता है. इस वर्ष जून माह में आने वाला वो एक दिन सबसे लंबा और रात सबसे छोटी होती है. साल का सबसे लंबा दिन इसी जून माह के समय पर होता है.
सामान्य दिनों में 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात होती है. वहीं 21 दिसंबर के बाद रात छोटी होने लगती है और दिन बड़े होने लगते हैं. जबकि 21 जून को दिन सबसे लंबा होता है. इस दिन 12 घंटे की जगह 14 घंटे का दिन होता है. इस समय को खगोलिय दृष्टिकोण से काफी विशेष भी माना गया है.
क्यों इस दिन परछाई भी साथ छोड़ जाती है.
इस दिन को परछाई के साथ छोड़ने की कहावत से भी जोड़ा जाता है. इसके पीछे की गणना बेहद विशेष होती है. हम सभी जानते हैं कि साल में 365 दिन होते हैं, किंतु इन सभी दिनों में चार दिनों को छोड़कर बाकी सभी दिन सामान्य होते हैं.
इन चार दिनों में 21 मार्च, 21 जून, 23 सितंबर और 22 दिसंबर शामिल हैं. 21 जून का समय दिन सबसे लंबा होने के लिए जाना जाता है. खास बात यह है कि इस दिन दोपहर में एक समय ऐसा आता है जब परछाई भी इंसानों और अन्य जीवों का साथ छोड़ देती है. इस वजह से 21 जून सबसे लंबा दिन है.
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21 जून के बाद घटने लगती है दिन की लंबाई पृथ्वी की परिक्रमा के कारण 21 जून के बाद दिन की लंबाई बराबर हो जाती है. इसके बाद 21 सितंबर से रात लंबी होने लगती है और दिन छोटा होने लगता है.