myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Learn some interesting facts from Shri Ram during the Ramayana period

Ramayana Facts: जानें रामायण काल में श्री राम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

Myjyotish Expert Updated 11 Apr 2022 12:03 PM IST
जानें रामायण काल में श्री राम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
जानें रामायण काल में श्री राम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य - फोटो : google
विज्ञापन
विज्ञापन

जानें रामायण काल में श्री राम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य


श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी को अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। श्रीराम ने विष्णु के अवतार के रूप में धरती पर जन्म लिया और लोगों को मर्यादा एवं सत्य के मार्ग पर चलना सिखाया। श्रीराम के जीवन काल में कई उल्लेखनीय घटनाक्रम हुए। रामायण काल की कई निशानियां सदियों बाद आज भी मौजूद हैं। चलिए आज हम आपको भगवन राम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताते हैं। 


रामसेतु

तमिलनाडु के रामेश्वरम से श्रीलंका के उत्तरी-पश्चिमी भाग में स्थित मन्नार द्वीप के बीच समंदर में सड़कनुमा भूभाग बना हुआ है। इसे रामसेतु कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार जब रावण सीता का हरण करके लंका ले गया, तब राम अपनी वानर सेना के साथ लंका के लिए निकले। रामेश्वरम तट से लंका के बीच समुद्र होने से राम की सेना के लिए पैदल मार्ग बनाया गया। इसे ही रामसेतु के नाम से जाना जाता है। लंका पर चढ़ाई करने से पहले श्रीराम ने रामेश्वरम में शिव की आराधना की थी, यहां श्रीराम द्वारा स्थापित शिवलिंग भी मौजूद है।

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

अयोध्या नगरी

श्रीराम का जन्म सरयू नदी किनारे स्थित अयोध्या नगरी में हुआ था। वे राजा दशरथ और रानी कौशल्या के पुत्र थे। यह स्थान आज भी रामजन्मभूमि के नाम से विख्यात है। फिलहाल जन्मभूमि पर राम का भव्य मंदिर बन रहा है। रामनवमी के मौके पर लाखों की संख्या में भक्त रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या में आते हैं। 

जनकपुरी

श्रीराम की पत्नी माता सीता का जन्म जनकपुरी में हुआ था। सीता राजा जनक की बेटी थी। राम और सीता का विवाह जनकपुरी में ही हुआ था। सीता के स्वयंवर के दौरान राम ने यहीं पर धनुष तोड़ा था।  वर्तमान में जनकपुर नेपाल में स्थित है, जो कि भारतीय सीमा 15 किलोमीटर दूर है, यहां पर पत्थर के टुकड़े धनुष के अवशेष के रूप में मौजूद हैं। यहीं पर राम-सीता का विवाह मंडप भी बना हुआ है। जहां देश-दुनिया से लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।

किशकिंदा

रामायण काल में किशकिंदा को वानर राज बाली और सुग्रीव की राजधानी बताया गया है। वर्तमान में कर्नाटक में हंपी के आसपास की जगह किशकिंदा मानी जाती है। तुंगभद्रा नदी के किनारे बाली और सुग्रीव की गुफा भी अभी मौजूद है। यहीं पर अंजनाद्री पर्वत स्थित है, कहा जाता है कि यहीं पर हनुमान का जन्म हुआ था। यहां से कुछ ही दूरी पर पंपा सरोवर भी स्थित है। वनगमन के दौरान श्रीराम और लक्ष्मण यहां ठहरे थे। पंपा सरोवर के पास ही शबरी की गुफा भी मौजूद है। 

आज ही करें बात देश के जानें - माने ज्योतिषियों से और पाएं अपनीहर परेशानी का हल 

इनके अलावा रामायण काल की कई निशानियां अलग-अलग जगहों पर आज भी मिलती हैं। वनगमन के दौरान श्रीराम को केवट ने गंगा पार कराई थी, ये स्थान वर्तमान में प्रयागराज के पास शृंगवेरपुर में माना जाता है। कहा जाता है कि भगवान राम ने वनवास के दौरान सबसे ज्यादा समय चित्रकूट में बिताया था। यहीं पर भरत श्रीराम से मिलने आए थे। अभी ये जगह यूपी और एमपी की सीमा पर स्थित है। 


रावण एक उत्कृष्ट वीणा वादक थाl

रावण सभी राक्षसों का राजा थाl बचपन में वह सभी लोगों से डरता था क्योंकि उसके दस सिर थेl भगवान शिव के प्रति उसकी दृढ़ आस्था थीl इस बात की पुख्ता जानकारी है कि रावण एक बहुत बड़ा विद्वान था और उसने वेदों का अध्ययन किया थाl लेकिन क्या आपको पता है कि रावण के ध्वज में प्रतीक के रूप में वीणा होने का कारण क्या था? चूंकि रावण एक उत्कृष्ट वीणा वादक था जिसके कारण उसके ध्वज में प्रतीक के रूप में वीणा अंकित थाl हालांकि रावण इस कला को ज्यादा तवज्जो नहीं देता था लेकिन उसे यह यंत्र बजाना पसन्द थाl

अधिक जानकारी के लिए, हमसे instagram पर जुड़ें ।

अधिक जानकारी के लिए आप Myjyotish के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X