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Home ›   Blogs Hindi ›   Lal Kitab: Know the influence of which planet can make you sick

Lal Kitab: जानिए कौन से ग्रह का प्रभाव आपको कर सकता है बीमार

Nisha Thapaनिशा थापा Updated 07 Jun 2024 05:08 PM IST
ग्रहों का बीमारियों से संबंध
ग्रहों का बीमारियों से संबंध - फोटो : My Jyotish

खास बातें

Lal Kitab: लाल किताब कहती है, कि यदि आप किसी विशिष्ट बीमारी से ग्रसित हैं,तो इसका सीधा संबंध आपके कुंडली में बैठे ग्रहों से भी हो सकता है। तो आइए जानते हैं कि कौन से ग्रह का किस बीमारी से संबंधित है।
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हमारी कुंडली में ग्रह और राशि का असर है हमारे शारीरिक और मानसिक विकास में भी पड़ता है, जिस प्रकार से राशियों का संबंध शरीर के अंगों से होता है। ठीक इसी प्रकार से राशियों के स्वामी ग्रह का संबंध हमारे शरीर में होने वाली बीमारियों से होता है।  जब भी कोई जातक बीमार पड़ता है, तो उसका संबंध कहीं ना कहीं उसकी राशि के ग्रह स्वामी  से होता है। तो आइए जानते हैं कि इसके विषय में लाल किताब क्या कहते हैं।
 

कौन से ग्रह का है बीमारी से संबंध


सूर्य- जिन जातकों की राशि में सूर्य ग्रह कमजोर होता है, उनका दिल बहुत ही निर्बल होता है। यदि उन जातक को सूर्य चंद्र की सहायता ना मिले, तो जातक पागलपन या फिर लकवे का शिकार हो सकता है। इस साथ ही इन जातकों को नशीले पदार्थों की बी लत लग सकती है।

चंद्र- यदि किसी जातक को हृदय संबंधी या फिर नेत्र संबंधित बीमारी है, तो आप समझ लीजिए कि उनकी राशि में चंद्रमा ग्रह कमजोर है, क्योंकि चंद्रमा शीतल और अत्यंत नम होता है और यदि इस प्रकार की बीमारियां हों तो आपको चन्द्रमा के मजबूत बनाने के लिए कुछ उपाय अवश्य ही अपनाने चाहिए।

मंगल शुभ-  यदि आपकी कुंडली में मंगल शुभ स्थान पर है और सूर्य और बुध की स्थिति शुभ बैठ रही है, तो भी आपको कुछ शारीरिक रूप से कष्ट मिल सकता है। जैसे कि जातक को पेट में दर्द, पित्त की समस्या और दिल संबंधित समस्या हो सकती है। 

मंगल खराब- जिन लोगों की कुंडली में मंगल खराब है और सूर्य और शनि एक साथ है तो उन जातकों फोड़ा आदि की समस्या हो सकती है

बुध-  यदि जातक को दिमाग संबंधित बीमारी या फिर वह चेचक से ग्रसित हैं, तो आप समझ जाइए कि उसकी राशि में बुध ग्रह कमजोर है, जिसके कारण उसे यह सारी समस्याएं हो रही है।

बृहस्पति- जब जातक की कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर होता है तो जातक को सांस और फेफड़े संबंधित समस्याएं पैदा होने लगते हैं

शुक्र-  यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है तो जातक को त्वचा संबंधित समस्याएं जैसे की खुजली कुष्ठ रोग आदि हो सकता है इसके अलावा वह जातक कोसमस्याएं हो सकती है और दांतों में भी समस्या है उत्पन्न हो सकते हैं

शनि- यदि कोई हद तक नेत्र रोग से ग्रसित है या फिर उसे दम और खांसी की बीमारी है तो आप समझ जाइए कि उसकी राशि में शनि कुपित है यानी शनि का को प्रभाव पड़ रहा है और शनि ग्रह कमजोर है

राहु- लाल किताब के अनुसार, जिस प्रकार राहु ग्रह, सूर्य और चंद्रमा को ग्रसता है, ठीक उसी प्रकार से इसका प्रभाव भी बहुत ही प्रभावहीन होता है। जातक को अचानक से दुर्घटना, बुखार और चोट लग सकती है। 

केतु- जिन जातकों की राशि में केतु ग्रह कमजोर है तो उन्हें जोड़ों का दर्द हो सकता है और गुप्त रोग हो सकता है। 

तो, इस प्रकार से इन ग्रहों का संबंध उपरोक्त बीमारियों से होता है। यदि आप इस लेख से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमारे ज्योतिषाचार्यों से संपर्क करें। 

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