काशी दुर्ग विनायक मंदिर में पाँच ब्राह्मणों द्वारा विनायक चतुर्थी पर कराएँ 108 अथर्वशीर्ष पाठ और दूर्बा सहस्त्रार्चन, बरसेगी गणपति की कृपा ही कृपा सितंबर 2023
लाल किताब अनुसार बुध का प्रभाव
लाल किताब में बुध को एक बेहद अपनी धुन का ग्रह भी जाना जाता है. बुध स्वतंत्र है और बुद्ध को संचार, बुद्धि और तर्क से जुड़ा माना जाता है. इसके कारण जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं. यह रिश्तों पर गहरा असर डाल सकता है. वैवाहिक जीवन पर भी इसका अपना अलग प्रभाव दिखने को मिल सकता है. लाल किताब अनुसार अगर बुध कमजोर हो तो व्यक्ति को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिसके चलते मानसिकता और व्यवहार की कुशलता पर इसका असर पड़ता है.
गणपति स्थापना और विसर्जन पूजा : 19 सितंबर से 28 सितंबर 2023
लाल किताब में बुध को मजबूत करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं. बुध को थर्ड जेंडर भी माना जाता है, इसलिए किन्नर इत्यादि को प्रसन्न करने से बुध के शुभ फल व्यक्ति को मिलने की बात लाल किताब में कहीं जाती है.
बुआ और बहन के साथ भी बुध का संबंध जोड़ा जाता है. ऎसे में यदि कुंडली में बुध खराब होगा तो इन लोगों के साथ रिश्ते भी प्रभावित होंगे. इसलिए बुध को अनुकूल बनाने के लिए बहन या बुआ को अवश्य प्रसन्न रखने की बात कहीं जाती है.
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
लाल किताब अनुसार बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए इसी तरह से कई कारगर उपाय बताए जाते हैं. बुध अन्य ग्रहों के साथ मिलकर जैसा स्वभाव पाता है वैसे अपना असर भी दिखाता है. जब यह शुभ ग्रहों के साथ होता है तो अच्छे परिणाम देता है और अशुभ ग्रहों के साथ मिलने पर खराब असर दिखाने लगता है. लाल किताब में बुध को हरा ग्रह माना गया है. यह बृहस्पति और राहु होने पर अपना अलग ही रंग दिखाता है. बुध के कमजोर होने पर व्यक्ति को संचार में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. उसकी निर्णय लेने की क्षमता भी बहुत कमजोर हो जाती है. ऎसे में बुध के उपाय करके इसे सही कर पाना संभव होता है.