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इस दिन को अमृत्व के समान माना और पूजा जाता है. मान्यताओं के अनुसार इस दिन धरती पर सुख समृद्धि भरपूर रुप से फैलती है तथा देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं. इस दिन भगवान विष्णु लक्ष्मी महादेव की पूजा के साथ-साथ दीपदान भी किया जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में कराएं 365 दीपों का महादान एवं ब्राह्मण भोज, होगी दस महायज्ञों के समान पुण्य की प्राप्ति - 27 नवंबर 2023
कार्तिक पूर्णिमा और इस दिन का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का समय स्नान दान एवं पूजा इत्यादि कार्यों के लिए उत्तम होता है. इस दिन सभी स्थानों पर दीपक जलाये जाते हैं. इस दिन सभी दिशाएँ जगमगाती हैं. पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या की दिवाली के करीब 15 दिन बाद कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. इस शुभ दिन को कई तरह से मनाने की परंपरा रही है. इस दिन को कार्तिक पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को त्रिपुरोत्सव के नाम से भी जाना जाता है.
यह दिन चतुर्मास के समापन का भी प्रतीक है. इसके साथ ही इस दिन को गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. ये देव दिवाली एक ऐसा समय है जो जीवन को कई तरह से रोशन कर देता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीप जलाने और इसे नदी में प्रवाहित करने का भी बहुत पुण्य फल माना जाता है.
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कार्तिक पूर्णिमा उपाय
इस दिन किए गए हर शुभ और धार्मिक कार्य का कई गुना शुभ फल मिलता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए उपायों से जीवन में सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं इस दिन कौन से उपाय करने से मिलता है धन संपदा का वरदान
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कार्तिक पूर्णिमा का समय स्नान के समय यदि दूध और इलायची से स्नान किया जाए तो बेहद शुभ होता है.
इसके अलावा तीर्थ स्थलों और पवित्र नदियों में जाकर स्नान करना उत्तम होता हैं और शुभ फल प्राप्त करते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान के साथ-साथ तुलसी पूजा का भी महत्व है. इस दिन दीप दान करने से जीवन में सकारात्मक शुभता आती है
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना में स्नान करने तथा दीपदान करने से भाग्य चमकता है. जीवन में लक्ष्मी का आगमन होता है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव, विष्णु की पूजा में यदि खीर और गुड़ का भोग लगाया जाए तो जीवन में शुभता का आगमन होता है.