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Home ›   Blogs Hindi ›   Kartik Purnima: When will Kartik Purnima be celebrated, know the auspicious time and significance

Kartik Purnima : कब मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Acharya RajRani Updated 25 Nov 2023 12:55 PM IST
Kartik Purnima
Kartik Purnima - फोटो : my jyotish
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कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा के रुप में मनाया जाता है. पौराणिक तथ्यों के आधार पर कार्तिक पूर्णिमा की रात को देवता अपनी दिवाली भी मनाते हैं. इसलिए यह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक दिन है.

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हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान दान का विशेष महत्व माना गया है. कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी कलाओं में पूर्ण होता है. विद्वानों का मानना है कि कार्तिक माह सबसे पवित्र माह होता ओर इसी समय देवत भी पृथ्वी पर विचरण करते हैं. मान्यता है कि इस माह में किए गए पुण्य कर्मों का अनंत फल मिलता है.  कार्तिक पूर्णिमा हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में मनाई जाती है.

कार्तिक पूर्णिमा डेट 2023
27 नवंबर 2023 को सोमवार के दिन कार्तिक पूर्णिमा मनाई जाएगी 
कार्तिक पूर्णिमा तिथि आरंभ- 26 नवंबर 2023 को दोपहर 15:53
कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त - 27 नवंबर 2023 को दोपहर 14:45 

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कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक महत्व 
इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा नवंबर माह में सोमवार को मनाई जाने वाली है. इस दिन से एक दिन पहले देव दिवाली के रूप में मनाया जाएगा. कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. पुराणों में सभी कार्तिक महीनों को आध्यात्मिक और भौतिक ऊर्जा संचय के लिए उपयुक्त माना गया है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था. इसके बाद देवी-देवता बहुत प्रसन्न हुए और भगवान विष्णु ने भगवान शंकर को त्रिपुरारी नाम दिया जो भगवान शंकर के कई नामों में से एक है और इस दिन इसी स्वरुप का पूजन विशेष रुप से होता है. 

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कार्तिक पूर्णिमा पौराणिक महत्व 
एक पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव ने त्रिपुरारी का अवतार लिया था और इस दिन त्रिपुरासुर नामक तीन राक्षस भाइयों का वध किया था. यही कारण है कि इस पूर्णिमा का एक नाम त्रिपुरी पूर्णिमा भी है. इस प्रकार भगवान शिव ने अत्याचारों को दूर किया और शांति स्थापित की. इसलिए, देवताओं ने राक्षसों पर भगवान शिव की जीत का जश्न मनाने के लिए इस दिन दिवाली मनाई. कार्तिक पूर्णिमा के दिन विजया का जश्न मनाने के लिए, पवित्र धार्मिक स्थलों में भक्त दीपक जलाकर और अपने घरों को सजाकर देव दिवाली मनाते हैं.

 
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