Kalki Jayanti 2023 Date: कब मनाई जाएगी कल्कि जयंती? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
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कल्कि जयंती का उत्सव भगवान श्री हरि के अवतार से संबंधित है. भगवान श्री विष्णु के अनेक अवतारों में से एक अवतार कल्की अवतार के रुप में पूजा जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कल्कि अवतार के बाद कलियुग का अंत हो जाएगा. यह अवतार कब होगा, इसका स्वरूप क्या होगा इसी के उपल्क्ष्य में कल्की जयंती का पर्व मनाय अजाता है.
आइए जानते हैं कल्कि जयंती से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य. धर्म ग्रंथों के अनुसार जब अधर्म अपने पैर पसारने लगा तब भगवान विष्णु ने अवतार लिया और धर्म की पुन: स्थापना की. शास्त्रों में भगवान विष्णु के 24 अवतारों का वर्णन है, जिनमें से श्रीहरि का कल्कि अवतार अभी होना बाकी है. लेकिन कल्कि जयंती के रुप में इसे मनाया अवश्य जाता है.
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कल्की जयंती कब मनाई जाती है
हर साल कल्कि जयंती सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है. इस प्रकार वर्ष 2023 में कल्कि जयंती का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु के अवतार कल्कि जी की पूजा की जाती है. कल्कि अवतार वर्तमान समय में नहीं हुआ है और धर्म ग्रंथों में निहित है कि भविष्य में भगवान कल्कि अवतार लेकर भक्तों को कष्टों को दूर करेंगे. कल्की अवतार प्रभु का आखिरी अवतार होगा. यह दिन वैष्णव संप्रदाय के लोगों के लिए बहुत खास है.
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भक्ति एवं सुख का मिलता है आशीर्वाद
कल्की जयंती के दिन भगवान कल्कि की भक्तिभाव से पूजा की जाती है. भक्त लोग अपने अराध्य की पूजा करते हैं. धार्मिक मान्यता है कि कल्कि जयंती के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. साथ ही सभी प्रकार के दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं. पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 22 अगस्त को सुबह शुरू होगी और 23 अगस्त को सुबह समाप्त होगी. इसलिए कल्कि जयंती 22 अगस्त को मनाई जाएगी. साधक दिन के किसी भी समय भगवान कल्कि की पूजा कर सकते हैं.
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सावन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान विष्णु पृथ्वी पर जन्म लेंगे. कल्कि अवतार लेकर कलयुग का अंत करेंगे. उस समय धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि रूप में जन्म लेंगे. इसी के साथ जीवन को पुन: भक्ति एवं शुभता की प्राप्ति होगी. सतयुग की स्थापना होगी.