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Kajari Teej 2023: कजरी तीज का व्रत सुख और सौभाग्य प्राप्ति का विशेष समय जब पूरी होती हैं मनोकामनाएं

my jyotish expert Updated 02 Sep 2023 09:23 AM IST
Kajari Teej 2023: कजरी तीज का व्रत सुख और सौभाग्य प्राप्ति का विशेष समय जब पूरी होती हैं मनोकामनाएं
Kajari Teej 2023: कजरी तीज का व्रत सुख और सौभाग्य प्राप्ति का विशेष समय जब पूरी होती हैं मनोकामनाएं - फोटो : google
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भाद्रपद माह में आने वाली तीज का त्यौहार सुख समृद्धि एवं खुशहाल जीवन की प्राप्ति हेतु किया जाता है.  वैवाहिक जीवन के सुख को पाने के लिए तीज का व्रत भक्ति भाव के साथ किया जाता है.  बाइस दिन आने वाली तीज को कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस दौरान महिलाएं अपने घर परिवार की सुख समृद्धि के लिए विशेष पूजा अर्चना करती है. कजरी तीज से संबंधित कई कथाएं हमें प्राप्त होती हैं जिसके अनुसार मान्यता रुप से कजरी तीज पर महिलाएं सुहाग की सुरक्षा, उसकी लंबी उम्र एवं समृद्धि के लिए इस दिन कठोर व्रत का पालन करती हैं. निर्जला व्रत रखते हुए इस दिन शिव-पार्वती, तीज माता, नीमड़ी माता की पूजा भी की जाती है. इस दिन संध्या समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण संपन्न होता है. 

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कब मानी जाएती है कजरी तीज 
भाद्रपद माह के कृष्ण की तृतीया तिथि को कजरी तीज का उत्सव मनाया जाता है.  यह व्रत देवी पार्वती की पूजा से संबंधित होता है तथा इसी के साथ इस व्रत को करने से जीवन में आने वाले संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है. जीवन में व्यक्ति अपने लिए एक योग्य साथी को पाता है. जिसे वैवाहिक जीवन की आधारशीला हेतु विशेष माना गया है

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कजरी तीज पूजा विधि और महत्व 
कजरी तीज का व्रत हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को रखा जाता है. यह सुहाग पर्व विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. जहां विवाहित महिलाएं इस उत्सव को बड़े जोश के साथ मनाती हैं उसी तरह कुंआरी लड़कियां अपने जीवन में अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं. कजरी तीज की पूजा जीवन में सुख को प्रदान करने वाली होती है. 

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कजरी तीज को कजली तीज, सातुड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है, इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लेकर इसका आरंभ किया जाता है. शुभ मुहूर्त में पूजा करने से पहले दीवारपर मिट्टी या गाय के गोबर से एक तालाब जैसी आकृति बनाते हुए उस पर नीम की टहनी लगाई जाती है. पूजा स्थान पर देवी पार्वती एवं भगवान शिव, तीज माता का चित्र स्थापित करते हैं. इन सभी की विधिवत पूजा करते हैं. 
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