इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रख सकती हैं. कज्जली तीज को कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है. कज्जली व्रत के दौरान महिलाएं व्रत रखती हैं और माता पार्वती की पूजा करती हैं. यह व्रत वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए रखा जाता है. यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है.
कज्जली तीज का व्रत तृतीया तिथि को रखा जाता है. यह सावन और भाद्र दो महीनों में आता है. सावन माह में पड़ने वाला कज्जली तीज का व्रत 5 जुलाई को रखा जाएगा. इसके अलावा कुछ अन्य तीज का त्योहार भी सावन के समय आएगा, जिनमें से यह तीज सबसे पहले आती है.
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कज्जली तीज पूजन मुहूर्त समय
कजली तीज व्रत 5 जुलाई 2023 को मनाया जाएगा.
तृतीया तिथि सुबह 10.30 बजे से शुरू हो जाएगी
तृतीया तिथि अगले दिन 6 जुलाई को सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी.
कजली तीज पर श्रवण नक्षत्र योग
कुछ त्योहारों में जब महीने के साथ नक्षत्र का संयोग होता है तो उनका महत्व और भी बढ़ जाता है, इसी क्रम में इस साल जब कज्जली तीज आएगी तो उस दिन श्रवण नक्षत्र का योग भी मिलेगा. इस तिथि के साथ नक्षत्र का शुभ संयोग बनने से यह अत्यंत शुभ रहेगा. कज्जली तीज के दिन सुबह 05 बजकर 41 मिनट से श्रवण नक्षत्र आरंभ होगा.
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कजली तीज पर माता पार्वती महादेव की पूजा करें
कजरी तीज के दिन देवी पार्वती की पूजा की जाती है, यही वह समय है जब जया पार्वती व्रत समाप्त होता है. इस दौरान विशेष विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. देवी पूजन में समस्त सौभाग्य की वस्तुओं को अवश्य पूजा में रखना चाहिए. शिव पार्वती पूजन द्वारा महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन के सुख को पाने में सफल होती हैं.