Kaal Sarp : देश के इन मंदिरों में होती है काल सर्प दोष पूजा
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ज्योतिष शास्त्र में राहु-केतु को पाप ग्रहों की श्रेणी में रखा जाता है. राहु ग्रह की शांति के लिए कई तरह के उपायों का वर्णन भी मिलता है. पाप ग्रह की श्रेणी में रखे जाने वाले यह दोनो ग्रह शांति हेतु देश भर के कुछ विशेष मंदिरों में पूजा होती है.
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राहु और केतु भी राशियों के स्वामी नहीं हैं. जब राहु आपकी राशि में नीच का होता है तो धन हानि होती है. यदि आपकी कुंडली में ग्रह की स्थिति खराब है तो मस्तिष्क रोग, त्वचा संबंधी रोग, भ्रम की स्थिति तथा हड्डियों से संबंधित रोग आदि परेशानी का सबब देते हैं.
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कुछ वास्तु दोष की स्थिति भी इन ग्रहों के खराब होने का प्रभाव दिखाती है. घर की सीढ़ियां गलत तरीके से बनाने से दिशा, दहलीज को दबाने और तोड़ने से भी राहु दोष उत्पन्न होता है. यदि घर में शैतान या शौचालय या रेस्तरां है तो यह भी राहु दोष का संकेत देता है. किसी का बार-बार बीमार पड़ना, कांच के बर्तनों का टूटना, पत्थरों का टूटना, घर के सामान का टूटना आदि खराब राहु केतु के लक्षण हैं. इन सभी चीजों की शुभता के लिए देश में इन स्थानों पर राहु केतु शांति का उपाय बेहद शुभदायक बनता है.
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राहु-केतु शांति पूजा
यदि परिवार के किसी सदस्य को दिन-रात मेहनत करने के बावजूद अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहा है. रिश्ते तो बहुत आ रहे हैं, लेकिन शादी नहीं हो पा रही है. अगर शादीशुदा होने के बाद भी पति-पत्नी के बीच हमेशा तनाव बना रहता है तो समझ लें कि व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प दोष का योग है.ज्योतिषों का कहना है कि नाग देवता की पूजा करने से इस दोष से मुक्ति मिलती है.
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग नासिक में नाग पूजा महत्वपूर्ण है, जहां नाग पूजा और अन्य अनुष्ठान करने में घंटों लग जाते हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि नाग पंचमी के दिन यदि नाग देवता को दूध चढ़ाया जाए या शिव मंदिर में नागों की पूजा कर जलाभिषेक किया जाए तो काल सर्पदोष का प्रभाव कम हो जाता है और प्रकोप से मुक्ति मिल जाती है. ग्रहों का.
काल सर्पदोष से मुक्ति का एकमात्र उपाय है नागों की विधि-विधान से पूजा करना. बहुत कम भक्त यह पूजा करवाते हैं इसके लिए भक्तों को नासिक के त्र्यंबकेश्वर, औरंगाबाद के घृष्णेश्वर, उज्जैन के महाकालेश्वर या अन्य ज्योतिर्लिंगों पर जाकर विधि-विधान से पूजा करनी पड़ती है.
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं पर कालसर्प दोष निवारण पूजा कराएं -Kaal Sarp Dosh Nivaran Puja at Trimbakeshwar Jyotirlinga Online
शिव पुराण और अन्य ग्रंथों में कहा गया है कि अगर जिस व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष है, वह यदि नाग की पूजा करे और भगवान शिव पर सहस्त्राभिषेक करे तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी.