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Home ›   Blogs Hindi ›   Jyotish Puja Vidhi Upay: Never forget to keep such an idol in the house of worship

Jyotish Puja Vidhi Upay: भूलकर भी ना रखे पूजा घर मे ऐसी मूर्ति

Myjyotish Expert Updated 19 Apr 2022 04:33 PM IST
भूलकर भी ना रखे पूजा घर मे ऐसी मूर्ति
भूलकर भी ना रखे पूजा घर मे ऐसी मूर्ति - फोटो : google
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भूलकर भी ना रखे पूजा घर मे ऐसी मूर्ति


छोटा हो या बड़ा हर हिन्दू के घर में मंदिर अवश्य होता है। इसमें भक्त अपनी इच्छानुसार चीज़े सजाते रहते है ताकि मंदीर की शोभा बढ़ सके। लेकिन कई बार अज्ञानतावश हम मंदिर से जुड़ी ऐसी भूल कर बैठते है जो कि नही करनी चाहिए। आज हम आपको मंदिर से जुड़ी ऐसी ही जानकारियां देंगे जिनका ज्ञान होना बहुत आवश्यक है। 
मंदिर घर का वो हिस्सा है जहाँ सबसे ज्यादा सकारत्मक ऊर्जा का संचार होता है ऐसे में आपको मंदिर को हमेशा साफ रखना चाहिए। मंदिर के आस पास कभी भी बेकार समान या कूड़ा कचरा नही रखना चाहिए यह अच्छी आदत नही मानी जाती है। ध्यान रहे मंदिर को हमेशा जमीन से ऊँचाई पर ही रखे और यदि आपने मंदिर एक पूरे कमरे में बना रखा है तो उसका दरवाजा हमेशा खुला रखे ताकि वहां से सकारत्मक ऊर्जा निकलकर पूरे घर में सकारत्मक वातावरण बना दे। वास्तु शास्त्र के अनुसार शयन कक्ष और रसोई घर मे मंदिर बनाने से बचना चाहिए।

 अक्सर हम पूजा में भगवान को पुष्प अर्पित करते  है लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान को पुष्प किन उंगलियों से अर्पित करने चाहिए और चढ़े हुए पुष्प किन उंगलियों से वापस उठाने चाहिए? यदि नहीं तो आप जान लीजिए की अनामिका उँगली एवं अंगूठे की सहायता से भगवान को पुष्प अर्पित करना चाहिए और जो पुष्प आप भगवान को चढ़ा चूके हैं उन्हें अंगूठे और तर्जनी ऊंगली की सहायता से उठाना चाहिए। भगवान को अलग अलग पुष्प अर्पित किए जाते हैं परंतु मात्र कमल ही एक ऐसा पुष्प है जिसकी कली चढ़ाने की मनाही नहीं है अन्यथा बाकी सभी पुष्पों की कलियों को चढ़ाने से मना किया जाता है। जब भी आप भगवान को पुष्प चढ़ाएं तो यह ध्यान रखें कि उसका मुख ऊपर की ओर हो, कभी भी पुष्प की डंडी ईश्वर की ओर अर्पित नहीं करनी चाहिए।

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

कई भक्त ऐसे होते हैं जिन्हें भगवान की स्तुति, आरती सब कंठस्थ याद होती हैं। परंतु कुछ भक्त ऐसे भी होते हैं जिन्हें कोई मंत्र कंठस्थ नहीं आता है तो ऐसे लोग पूजा करने से हिचकिचाएं नहीं आप लोग बिना किसी मंत्र के जल, चंदन, फूल आदि चढ़ाकर भगवान की पूजा करें।

घर के मंदिर में पूजा करने का सबसे बड़ा नियम यह है कि आप कम से कम पांच देवी देवताओं की पूजा करें। वह पांच देवी देवता भगवान गणेश, भगवान शिव, भगवान विष्णु, माँ दुर्गा और सूर्यदेव है। घर में इन पांचों देवी देवताओं की पूजा होना अनिवार्य है।

पौराणिक ग्रंथों में मिलने वाले इस श्लोक के अनुसार घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश जी, दो शंख, दो सूर्य देव की मूर्ति, तीन दुर्गा माँ की मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम की पूजा नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि इससे गृहस्त मनुष्य को अशांति का सामना करना पड़ता है।

 शालिग्राम जी एक ऐसे देव है जिनकी पूजा करने के लिए प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है।

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तुलसी का पौधा सबसे पवित्र पौधा है इसके बिना ईश्वर की पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती है। यदि आपके पास कोई पुष्प उपलब्ध नहीं है तो आप मात्र तुलसी की मंजरी ईश्वर को अर्पित करें। यह सब फूलों से बढ़कर मानी जाती है परंतु ध्यान रखें अमावस्या, पूर्णिमा और द्वादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। बाकी सामान्य दिन में रात्रि और संध्याकाल के समय में तुलसी के पत्ते तोड़ने की मनाही है।

भगवान शिव की सभी लोग परिक्रमा लेते हैं परंतु भगवान शिव की कभी भी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए। भगवान शिव की आधी ही परिक्रमा करनी चाहिए। माँ दुर्गा की तीन, भगवान सूर्य की सात, प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की तीन और श्री हरि विष्णु की चार परिक्रमा करनी चाहिए।
 

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