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Home ›   Blogs Hindi ›   Jyotish Health Remedies: The reason of disease and the secret of good health is hidden in the zodiac signs

Jyotish Health Remedies: राशियों में छिपा है रोग का कारण और अच्छे स्वास्थ्य का राज़ 

Myjyotish Expert Updated 25 Apr 2022 11:28 AM IST
राशियों में छिपा है रोग का कारण और अच्छे स्वास्थ्य का राज़ 
राशियों में छिपा है रोग का कारण और अच्छे स्वास्थ्य का राज़  - फोटो : google
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राशियों में छिपा है रोग का कारण और अच्छे स्वास्थ्य का राज़ 


सेहत के मामले में आज के समय में सबसे अधिक विचार किया जा रहा है, रोग किसी भी प्रकार से शरीर में उभर कर जीवन को कष्टदायक बना देता है. स्वास्थ्य ही धन है जैसी उक्तियां ही स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालती देखी जा सकती हैं.  एक स्वस्थ व्यक्ति ही कड़ी मेहनत कर सकता है, सफलता प्राप्त कर सकता है, अच्छी कमाई कर सकता है और खुशी से रह सकता है. इसके विपरीत, एक धनी लेकिन बीमार व्यक्ति अपने लिए उपलब्ध अच्छे भोजन और अन्य विलासिता का आनंद नहीं ले सकता, उसका धन कम हो जाता है और वह दुखी रहता है. ज्योतिष का वैदिक विज्ञान, किसी की कुंडली के विश्लेषण के माध्यम से, रोग की प्रकृति और समय के बारे में सही भविष्यवाणी करता है जो उसे समय पर निवारक उपाय करने और खुश रहने में सक्षम बना सकता है. प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में अच्छे या बुरे परिणामों का अनुभव अपने लग्न द्वारा झेलता है.

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

लग्न का मजबूत होना अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी 
लग्न में स्थिति एक मजबूत राशि स्वास्थ्य को मजबूत करने में बहुत सहायक होती है. रोग से लड़ने हेतु लग्न का मजबूत होना अत्यंत प्रभावशाली होता है. इसी के द्वारा लग्न को मजबूती भी प्राप्त होती है. मजबूत लग्न और लग्न स्वामी अच्छे स्वास्थ्य और रोगों से लड़ने की शक्ति पाता है. सर्वार्थ चिंतामणि के अनुसार अनेशे बल संयुक्त लगे केन्द्राटे शुभे।पापग्रहैरसंदृष्टे शरीर सौख्यं वहद बुधः।।जब लग्न स्वामी बलवान हो, केंद्र या त्रिकोण भाव में स्थित हो, और अशुभ भाव में न हो, तो अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति संभव होती है. 

इसके विपरीत लग्न की कमजोर स्थिति्रोग को जल्द प्रभावित करने वाली होती है. किसी भी भाव का स्वामी किसी बुरे भाव में स्थित हो या एक खराब भाव का स्वामी किसी अच्छे भाव स्थान होता है, तो उस भाव में नुकसान होता है. जब कोई खराब भाव का स्वामी किसी भी खराब भाव में स्थित होता है, तो यह विपरीत राजयोग के आधार पर अच्छा परिणाम देता है. इसके प्रभाव से शुभ फल की प्राप्ति होती है एक व्यक्ति के स्वास्थ्य की स्थिति और संभावित बीमारी का विश्लेषण निम्नलिखित कारकों के आधार पर किया जाता है:-

राशि और रोग का प्रभाव 
मेष राशि - सिर, मस्तिष्क और माथा
वृष राशि - चेहरा, दाहिनी आंख, मुंह, दांत और गर्दन
मिथुन राशि - दायां कान, कॉलर बोन, कंधे, दाहिना हाथ, श्वसन तंत्र और त्वचा
कर्क राशि - कैंसर फेफड़े, छाती, हृदय और स्तन
सिंह राशि - हृदय, ऊपरी पेट, पीठ और रीढ़
कन्या राशि - आंत, नाभि, पित्ताशय और ऊपरी पीठ
तुला राशि -  नाभि क्षेत्र के नीचे, अग्न्याशय, गुर्दे, मूत्र और आंतरिक जनन अंग

आज ही करें बात देश के जानें - माने ज्योतिषियों से और पाएं अपनीहर परेशानी का हल

वृश्चिक राशि - बाहरी जनन अंग, अंडकोष और मलाशय
धनु राशि - नितंब और जाँघ
मकर राशि -  घुटने और जोड़
कुम्भ राशि - बाएँ कान, बाएँ हाथ, पिंडली और पैरों का बछड़ा भाग
मीन राशि -  बाई आंख, एड़ी और तलवे

राशियों की स्थिति आपके रोग पर विशेष प्रभाव डालने वाली होती है. प्रत्येक राशि ओर उसके गुण तत्वों के द्वारा रोग की प्रवृत्ति को समजा जा सकता है. जिस भी भाव और उसका स्वामी बलवान हो और उससे युत हो या उन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो तो शरीर का अंग बलवान और रोगमुक्त होता है. विपरीत स्थिति संबंधित अंग की कमजोरी का कारण बनती है और इसे रोग से प्रभावित करने वाली होती है. 

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