खास बातें
Jyeshta Shukla Paksha start date 2024: ज्येष्ठ मास का शुक्ल पक्ष 07 जून 2024 से आरंभ होगी। ज्येष्ठ माह की अमावस्या समाप्त होने के बाद ही ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष आरंभ होता है।
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Jyeshta Shukla Paksha Vrat Festival 2024: ज्येष्ठ मास का शुक्ल पक्ष के आरंभ होने के साथ ही आरंभ होंगे शुक्ल पक्ष के व्रत त्यौहार। इस समय पर रंभा तृतीया से लेकर, गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, ज्येष्ठ पूर्णिमा का समय होगा विशेष।
जेय्ष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की विशेषता
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की समाप्ति के बाद आता है ज्येष्ठ माह का शुक्ल पक्ष। शुक्ल पक्ष के दौरान गंगा स्नान का आरंभ होता है शुरु होगा, इस समय व्रत और त्यौहार का समय चंद्रमा के बढ़ते हुए पक्ष के अनुरुप होगा। ज्येष्ठ मास के दोनों पक्ष वट सावित्री व्रत के साथ समाप्त होते हैं जब अमावस्या के बाद ज्येष्ठ पूर्णिमा वट सावित्री व्रत होता है।ज्येष्ठ मास का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है, मान्यता है कि इस समय मौसम का बदलाव शरीर को जैसे प्रभावित करता है उसी के प्रभाव को शुभ बनाने के लिए इन व्रतों का निर्धारण होता है जिन्हें करने से शक्ति और निरोगी काया प्राप्त होती है। इस पूरे माह में व्रत, पूजा, दान करने से भक्त के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष 2024 व्रत-त्योहार Jyeshta Shukla Paksha 2024 Vrat Festival
विनायक चतुर्थी, तीसरा बड़ा मंगल
स्कंद षष्ठी व्रत
महेश नवमी
गंगा दशहरा, चौथा बड़ा मंगल
निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती, राम लक्ष्मण द्वादशी
चंपक द्वादशी, प्रदोष व्रत
ज्येष्ठ पूर्णिमा, संत कबीरदास जयंती, वट सावित्री पूर्णिमा
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाले व्रत त्यौहार का महत्व
रंभा तृतीया - इस दिन देवी रंभा का पूजन किया जाता है। इस विशेष दिन सुखी जीवन और सौभाग्य की प्राप्ति हेतु माता का पूजन करते हैं। इसी के साथ रुप गुण की प्राप्ति होती है।
धूमावती साधना - देवी धूमावती दश महा विद्याओं में से एक हैं। इन का स्वरुप बूढ़ी स्त्री का है एवं भगवान शिव को निगल लेने के कारण माता जब कांतिहीन हो जाती है तब यह रुप निर्मित होता है। माता वरदान मुद्रा एवं ज्ञान प्रदायनी मुद्रा में भक्तों पर अपना स्नेह बरसाती हैं। मात अका पूजन रोग दोष को दूर करता है।
विनायक गणेश चतुर्थी - ज्येष्ठ माह की विनायक चतुर्थी पर गणेश स्तोत्र का पाठ करने से बौद्धिक विकास होता है। जिन बच्चों की मानसिक स्थिति कमजोर है, पढ़ाई में मन नहीं लगता साथ ही राहु-केतु के दुष्प्रभाव से पीड़ित हैं तो ये उपाय आपके लिए लाभकारी साबित होगा।
महेश नवमी - यह देवी भगवान शिव के पूजन का विशेष दिन है। इस दिन शिव जी का रुद्राभिषेक करना चाहिए जिसके द्वारा शुभ फल प्राप्त होता है। जीवन में मिठास रहती है।
गंगा दशहरा- इस दिन गंगा माता के द्वारा पृथ्वी एवं प्राणियों को सुख प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति के पाप कर्मों की वजह से उसकी तरक्की में बाधा आती है ऐसे में गंगा दशहरा पर गंगा स्नान से संकट दूर हो जाते हैं।
निर्जला एकादशी - निर्जला एकादशी के दिन सारे पापों का नाश होता है। इस दिन गंगा नदी में या फिर घर में गंगाजल से स्नान करना तथा जल को बांटना शुभ होता है। इस दिन शिवलिंग का गंगाजल से अभिषेक करना पुण्यदायक होता है।
प्रदोष व्रत - भगवान शिव के पूजन हेतु यह दिन विशेष होता है। पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होता है, मनमुटाव के चलते रिश्तों में दरार आने लगी है तो प्रदोष व्रत करने से सुख प्राप्त होता है।
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत - इस समय भगवान श्री हरि का पूजन किया जाता है जिसके द्वारा भक्तों के कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
वट सावित्री व्रत - यह व्रत संतान एवं दांपत्य सुख की प्राप्ति की कामना से किया जाता है।
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