खास बातें
Jaya Ekadashi Vrat : जया एकादशी के दिन कर लें ये उपाय राशियों को मिलेगा भरपूर लाभEkadashi puja माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन जया एकादशी क अपूजन और इस दिन किए जाने वाले उपाय जीवन को बदल देने वाले होते हें.
Jaya Ekadashi Upay: जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही कुछ विशेष कार्य कर लेने से राशियों को मिलता है सुख का वरदान. इस दिन श्रीफ्ल ओर तुलसी का भोग अवश्य अर्पित करना चाहिए.
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Jaya Ekadashi Vrat : जया एकादशी के दिन कर लें ये उपाय राशियों को मिलेगा भरपूर लाभ
Ekadashi puja माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन जया एकादशी क अपूजन और इस दिन किए जाने वाले उपाय जीवन को बदल देने वाले होते हें. यदि किसी काम में आ रही हो रुकावट तो इस दिन श्री विष्णु पूजन से मिलती है सफलता.
Jaya Ekadashi Upay: जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही कुछ विशेष कार्य कर लेने से राशियों को मिलता है सुख का वरदान. इस दिन श्रीफ्ल ओर तुलसी का भोग अवश्य अर्पित करना चाहिए. इस बार जया एकादशी पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं. आइये जान लेते हैं किन उपायों एवं कार्यों से बदल सकती है आपकी किस्मत.
माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन हर कार्य में जय प्रदान करने वाला होता है. इसी कारण इसे एकादशी के रुप में पूजा जाता है. जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और साथ ही मंत्र जाप एवं उपायों के द्वारा भगवान को प्रसन्न करते हैं. इस बार जया एकादशी पर कई शुभ योग होने से यह समय सभी राशियों के लिए शुभ फल प्रदान करने वाला होगा.
जया एकादशी के दिन उपाय
जया एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करने के पश्चात सूर्य उपासना करची चाहिए. इसके बाद भगवान नारायण को पीले फल और फूल अर्पित करने चाहिए. घी का दीपक जलाना चाहिए. नारायण स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. जया एकादशी के दिन तिल का दान करना शुभ होता है. माना गया है इस दिन तिल का दान करने से अक्षय गुना फल प्राप्त होते हैं. तिल का दान करने से शक्ति मिलती है. अगर आप किसी आर्थिक समस्या से प्रभावित हैं तो तिल का दान करने से आपको इससे लाभ मिलता है.एकादशी के अवसर पर पीले फल, फूल और मिठाई से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. भगवान विष्णु के पूजन में केले और शुद्ध केसर को भगवान को अर्पित करना बहुत शुभ होता है. इस समय पूजा के लिए पीले रंग के आसन पर बैठकर भगवान के मंत्रों का जाप करना चाहिए. पूजा में केसर का तिलक भगवान को लगाने के साथ साथ स्वयं भी लगाना चाहिए.
जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में हल्दी की एक गांठ पीले फल के साथ जरूर अर्पित करनी चाहिए. ऎसा करने से जीवन की नकारात्मकता समाप्त होती है ओर सुखों का आगमन होता है.
जया एकादशी महत्व और कथा
जया एकादशी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. एकादशी का व्रत एवं कथा को सुनना बहुत फलदायी माना जाता है. इस दिन हवन भजन इत्यादि से पूजा के कार्यों को करने से सुख समृद्धि की वृद्धि होती है. इस एकादशी को समस्त पापों का नाश करने वाली एकादशी कहा जाता है ओर इस दिन अगर कुछ कार्यों एवं उपाय करें तो इसका शुभ फल भक्तों को मिलता है.
जया एकादशी के दिन कथा अवश्य सुनें.इस कथा के अनुसार, नंदन वन में इंद्र के दरबार में उत्सव चल रहा था. उत्सव में गंधर्व और अप्सराएँ मौजूद थे. उत्सव के दौरान पुष्यवती और माल्यवान एक-दूसरे पर मोहित हो जाते हैं. दोनों के इस कृत्य से देवराज इंद्र क्रोध में आकर उन दोनों को शाप देकर स्वर्ग से निकाल देते हैं. श्राप के प्रभाव से पुष्यवती और माल्यवान पिशाच रूप में कष्ट भोगने लगे.
एक बार माघ माह में शुक्ल पक्ष की जया एकादशी का दिन आया उस दिन उन दोनों को खाने के लिए कुछ न मिला और रात्रि में ठंड के कारण दोनों का जागरण हो गया. इस प्रकार अनजाने में ही एकादशी का व्रत हो गया. अनजाने में उन दोनों ने जया एकादशी का व्रत पूरा कर लिया लेकिन सुबह होते-होते दोनों की मृत्यु हो गई. इस व्रत के प्रभाव से उन दोनों को पिशाच योगी से मुक्ति मिल गयी और वे पुनः स्वर्ग चले गये. इस प्रकार जया एकादशी का व्रत संपूर्ण पापों का शमन कर देने वाला व्रत है जिसके प्रभाव से जीवन में सभी सुख जीवन को प्राप्त होते हैं.