खास बातें
Nich Grah ke Upay: यदि आपकी कुंडली या राशि में कोई नीच ग्रह बैठा है और उसके कारण जीवन में कई नकारात्मकता आ रही है, तो आपको इस लेख में बताए गए उपाय अवश्य ही अपनाने चाहिए।
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Nich Grah ke Upay: ग्रह अपनी चाल बदलने के साथ समय-समय पर एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इसे ग्रह गोचर कहा जाता है, जिसके कारण जातक के जीवन में अचानक से कई प्रकार के बदलाव शुरू हो जाते हैं। जब जातक की कुंडली में कोई नीच ग्रह आ जाता है, तो उसे बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी क्रम में इन कठिनाइयों से निपटने के लिए लाल किताब में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिसकी हम इस लेख में चर्चा करेंगे, कि कैसे दिन के अनुसार आप उपाय अपना सकते हैं।
नीच ग्रह के प्रभाव के लिए उपाय
सोमवार- सोमवार का संबंध चन्द्रमा से है। लाल किताब के अनुसार यदि चन्द्रमा जातक की राशि के नीच भाव में बैठा है, तो जातक को सोमवार के दिन चावल-दूध का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही जातक को चांदी की वरक भी खानी चाहिए और सफेद वस्त्र धारण करने चाहिए।
मंगलवार- मंगलवार, मंगल का दिन माना जाता है। जिन लोगों का मंगल नीच ग्रह में बैठा होता है, उन्हें मंगलवार के दिन मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए। लाल किताब कहती है कि इन जातकों को पानी में रेवड़ियां बहा देनी चाहिए। इसके अलावा मंगल के प्रभाव को कम करने के लिए बंदरों और बलकों में प्रसाद बांटना चाहिए।
बुधवार - बुधवार का संबंध बुध ग्रह से है और जिन लोगों का बुध कमजोर होता है, उन्हें अपने घर की छत में चौड़े पत्ते वाले पौधे और बांस आदि रखने चाहिए। लाल किताब कहती है कि यदि संभव हो तो, आपको नाक में 100 दिनों तक चांदी पहनना चाहिए। इसके अलावा एक दिन पहले मूंग भिगोकर रख दें और फिर बुधवार के दिन सुबह उठकर जानवरों को खिला दें।
बृहस्पतिवार - बृहस्पतिवार का संबंध गुरू से है और जिन लोगों की राशि में गुरू नीच भाव में बैठा है, उन्हें गुरुवार के दिन ब्राह्मण को पीले वस्त्र दान करने चाहिए। इसके साथ ही चने की दाल व हल्दी की चार गांठ जल में प्रवाहित करें।
शुक्रवार- शुक्रवार को शुक्र ग्रह से संबंधित माना गया है। जिन जातकों की राशि में शुक्र ग्रह नीच भाव है, उन्हें दही और लाल रंग वाले ज्वार किसी धार्मिक स्थल में चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही आपको बादाम और शनि देव से संबंधित वस्तुओं का सेवन करना चाहिए औप रेशमी-सफेद रंग के कपड़े दान करने चाहिए।
शनिवार- शनिवार का संबंध शनि देव है और नीच शनि वाले जातकों को शनिवार के दिन तेल, मदिरा, उड़द, मांस तथा अंडे जैसे तामसिक आहार का सेवन नहीं करना चाहिए। जातकों को शनिवार के दिम काले वस्त्र, तेल, उड़द की दाल आदि का दान करना चाहिए और मदिरा या तेल जल में प्रवाहित करना चाहिए।
रविवार- रविवार को सूर्य देव का वार माना जाता है। जिन जातकों की राशि में सूर्य देव नीच हैं उन्हें गुड़ से बना चावल-दूध खाने चाहिए। इसके साथ ही गेहूं भूनकर और गुड़ में मिलाकर बच्चों में बांट देना चाहिए। ये जातक यदि लाल कपड़े में गुड़ या गेहूं बांधकर दान करें तो लाभदायक हो सकता है।
शनिवार और बुधवार- ये दोनों ही दिन राहु के दिन माने जाते हैं। जिन जातकों की के कुंडली में राहु नीच ग्रह में बैठा है, उन्हें काले कपडे़ पहनने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा इन जातकों को काले और नीले रंग की टोपी य पकड़ी भी नहीं पहननी चाहिए। यदि ये जातक अपनी जेब में चांदी का सिक्का लेकर चलें , तो इनके लिए लाभकारी हो सकती है। साथी ही राहु से संबंधित वस्तुएं जैसे कि बादाम, सरसों, जौ और सिक्का आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
बृहस्पतिवार - केतु ग्रह के नीच प्रभाव को कम करने के लिए बृहस्पतिवार शुभ उत्तम होता है। यदि किसी जातक की कुंडली में केतु नीच स्थान में बैठा है तो उन जातकों केसर खाना चाहिए। इसके अलावा इन जातकों को काले- सफेद रंग के कुत्ते पालने चाहिए और सोने धारण करना चाहिए। साथ ही इन जातकों को किसी ब्राह्मण को पीली वस्तुएं जैसे कि गेहूं, सोना गुड़ आदि का दान करना चाहिए।
तो, इस प्रकार से आप इन उपायों को अपनाकर अपनी राशि में बैठे नीच ग्रह के प्रभाव को कम कर सकते हैं। हालांकि अभी भी आपके मन में इस से संबंधित कोई सवाल है, तो आप हमारे ज्योतिषाचार्यों से संपर्क कर सकते हैं।