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Home ›   Blogs Hindi ›   Infant Protection Day 2023: Know what the horoscope of your child says on Infant Protection Day

Infant Protection Day 2023 : शिशु सुरक्षा दिवस पर जानें आपकी कुंडली में क्या कहता है संतान का योग

my jyotish expert Updated 07 Nov 2023 10:34 AM IST
Infant Protection Day 2023
Infant Protection Day 2023 - फोटो : my jyotish
बच्चों की सुरक्षा एवं उनकी सेहत को लेकर मनाया जाने वाला शिशु सुरक्षा दिवस एक बेहद ही महत्वपूर्ण और विशेष समय है. यह दिन बच्चों की हेल्थ से संबंधित बातों को लेकर विशेष जानकारियों को प्रदान करने वाला समय है. शिशु संरक्षण दिवस 7 नवंबर को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य शिशुओं की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाना है तथा बच्चों की उचित देखभाल करके उनके जीवन की रक्षा करना है. गौरतलब है कि उचित सुरक्षा और उचित देखभाल के अभाव के कारण नवजात शिशुओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
 
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शिशुओं की सुरक्षा के बारे में जागरूकता की कमी के कारण हर साल शिशुओं की मृत्यु हो जाती है. इसलिए, बहुत से देशों ने बेहतर बाल स्वास्थ्य देखभाल और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का फैसला किया. लोगों में बच्चों की देखभाल के बारे में जागरूकता पैदा करने और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए इस दिन की स्थापना की गई. इस दिन के द्वारा पैदा की गई जागरूकता के कारण शिशु मृत्यु दर में कमी भी देखी गई. इसलिए हर साल 7 नवंबर को शिशु संरक्षण दिवस मनाया जाने लगा. अब जब बात की जाए बच्चों के 
 
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संतान के सुख और उसके स्वास्थ्य पर ज्योतिष का दृष्टिकोण 
बच्चों के स्वास्थ्य एवं उनकी स्थिति को जानने में ज्योतिष काफी सहायक होता है. ज्योतिष अनुसार संतान के सुख को जानने के साथ संतान के स्वास्थ्य को जानने के लिए कुंडली में भाग ग्रह एवं नक्षत्रों के प्रभाव को देखना जरुरी होता है. 
 
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कुंडली का पंचम भाव संतान के सुख को दिखाने में सहायक होता है. संतान भाव की स्थिति अगर अच्छी हो तो संतान सुख भरपुर मिलता है. बच्चों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. इस भाव से भावी संतान की योग्यता या अयोग्यता, उसके स्वास्थ्य, सुखमय, सुखद अथवा कष्टदायक जीवन का पता लगता है. संतान के अच्छे बुरे जीवन का विचार इसी भाव से किया जाता है. इस प्रकार पंचम भाव से संतान का विचार किया जाता है.

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

संतान की सेहत का राज कुंडली से जानें 
पंचम भाव में शुभ ग्रह की दृष्टि के बिना अशुभ ग्रह होने से संतान प्राप्ति में कई वर्षों तक विलंब होता है. यदि पंचमेश या पंचमेश पाप ग्रह से युक्त हो तो संतान की सेहत में समस्य समय पर असर पड़ता है. उसके शरीर पर ग्रहों का यह पाप प्रभाव निर्बलता देने वाला होता है. 
 
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