myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Importance of donating water on Nirjala Ekadashi 2024

Nirjala Ekadashi Jal Daan Ka Mahatva :  निर्जला एकादशी के दिन क्यों किया जाता है जल का दान ?

Acharyaa RajRani Updated 11 Jun 2024 03:22 PM IST
निर्जला एकादशी
निर्जला एकादशी - फोटो : myjyotish

खास बातें

Significance of Daan In Ekadashi : निर्जला एकादशी जिसका अर्थ हुआ एकादशी के दिन बिना जल के रहना, निर्जला एकादशी के दिन जल को ग्रहण नहीं करते हैं  और कठोर तप करते हुए व्रत करते हैं। किंतु इस दिन जल का दान करते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
Significance of Daan In Ekadashi : निर्जला एकादशी जिसका अर्थ हुआ एकादशी के दिन बिना जल के रहना, निर्जला एकादशी के दिन जल को ग्रहण नहीं करते हैं  और कठोर तप करते हुए व्रत करते हैं। किंतु इस दिन जल का दान करते हैं। 

Nirjala Ekadashi Vrat : एकादशी के दिन दान का महत्व अपने अपने तरीके से दर्शाया गया है। एकादशी दान के अलावा निर्जला एकादशी जल दान का खास महत्व माना गया है। सनातन धर्म में दान की परंपरा सदियों पुरानी है आइये जान लेते हैं निर्जला एकादशी के दिन क्या है जल के दान का फल और प्रभाव। 
 

निर्जला एकादशी 2024 पर अन्न जल का होता है त्याग 

निर्जला एकादशी को सबसे कठिन व्रत माना जाता है। इसका कारण है कि इस एकादशी के दिन जल का भी त्याग कर दिया जाता है। लेकिन जल का दान करना शुभ होता है। इस शुभ दिन पर सूर्योदय से लेकर अगले दिन द्वादशी के सूर्योदय तक अन्न और जल ग्रहण करना वर्जित माना गया है। निर्जला एकादशी की तिथि बेहद खास रहती है। निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह में किया जाता है जब गर्मी अपने चरम पर होती है, इसलिए यह एकादशी अन्न जल के त्याग किंतु इसके दान की महत्ता को दर्शाती है। 
 

निर्जला एकादशी के दिन जल का दान होता है विशेष 

यह एकादशी अपने धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथीस समय किए जाने वाले दान में जल के दान की महत्ता को दर्शाती है। इसके साथ ही यह जीवन में जल के महत्व को भी बताती है। कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार जल के दान की महत्ता से बोध होता है की इस दिन को क्यों इतना विशेष माना गया है। इसमें महाभारत काल की कथा भी आती है जब भीम ने इस एकादशी को रखा और जल का दान करके शुभ प्रभावों को पाया। इसी कारण इस एकादशी के दिन जल के दान का विशेष महत्व रहा है। 

जल दान का क्या है लाभ 

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का दिन निर्जला एकादशी के रुप में पूजनीय रहा है, इस दिन को कई अन्य नामों से भी पुकारा जाता है इसे  भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं तो कुछ स्थानों में यह भीम एकादशी, निर्जल एकादशी भी कहते हैं। 18 जून 2024 के दिन इस वर्ष निर्जला एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस एकादशी का व्रत करने से वर्ष में आने वाली समस्त एकादशी व्रतों का फल मिलता है।
निर्जला एकादशी को सबसे कठिन व्रत माना जाता है। इसका कारण यह है कि इस एकादशी पर जल का भी त्याग किया जाता है। लेकिन जल दान करना शुभ होता है। इस शुभ दिन पर सूर्योदय से लेकर अगले दिन द्वादशी के सूर्योदय तक अन्न और जल का सेवन वर्जित माना जाता है। निर्जला एकादशी की तिथि बहुत खास होती है। 
  • इस दिन जल का दान करने से मिलता है अक्षय फल अर्थात जिस फल की समाप्ति न हो। 
  • शास्त्रों के अनुसार इस दिन जल का दान करने से पुण्यफल प्राप्त होते हैं। 
  • इस दिन जल का दान करने से व्यक्ति को मिलता है मुक्ति का वरदान 
  • इस दिन किए जाने वाले जल के दान से वंश वृद्धि का सुख भी मिलता है। 
  • जल का दान करने से व्यक्ति को अपने पितरों का मिलता है आशीर्वाद।

ज्योतिषाचार्यों से बात करने के लिए यहां क्लिक करें- https://www.myjyotish.com/talk-to-astrologers 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
X