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Home ›   Blogs Hindi ›   How Moon Cycle Affects Women: Know the secret of how the Moon affects the female side.

How Moon Cycle Affects Women : चंद्रमा किस प्रकार प्रभावित करता है स्त्री पक्ष को जानें इसका रहस्य

my jyotish expert Updated 20 Nov 2023 10:44 AM IST
How Moon Cycle Affects Women
How Moon Cycle Affects Women - फोटो : google
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 वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का मुख्य कारक माना गया है. चंद्रमा हमारी भावनाओं पर बेहद विशेष रुप से गहरा प्रभाव पड़ता है.  ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को हमारे मन और भावनाओं को नियंत्रित करने वाला माना जाता है. किंतु इसके साथ ही इसे स्त्री गुण से युक्त माना गया है तथा जहां सूर्य राजा है वहीं चंद्रमा को रानी का स्थान प्राप्त होता है. ऎसे में यह स्त्री पक्ष से काफी अधिक जुड़ाव रखता है.

वैदिक ज्योतिष यह मानता है की स्त्री देह पर भी चंद्रमा का गहरा जुड़ाव देखने को मिलता है. स्त्री का मासिक धर्म इसी चंद्रमा के चरणों से विशेष रुप से प्रभावित होता है. वहीं मानसिकता एवं भावनात्मक उतारचढ़ाव भी चंद्रमा से गहरे रुप में प्रभावित होते हैं. 

इसलिए यह स्त्रियों की भावनाओं पर प्रभाव डालता है. यह मनोवैज्ञानिक क्षमता और इंद्रियों से निपटने की क्षमता को निर्धारित करता है. यह जरूरतों, आदतों और प्रतिक्रियाओं का प्रतिनिधित्व करता है और अवचेतन और चेतन मन को नियंत्रित करने में कुशल होता है.
 
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चंद्रमा का स्त्री पक्ष से संबंध 
ज्योतिष में चंद्रमा को रानी कहा जाता है और इस प्रकार यह एक मजबूत स्त्री ऊर्जा उत्सर्जित करता है. चंद्रमा, राशि चक्र की चौथी राशि कर्क का स्वामी ग्रह भी है. चंद्रमा की सकारात्मक प्रकृति खुशी, मानसिक शांति, सहानुभूति के रचनात्मक संकेत लाती है और आपको स्वभाव से धैर्यवान और अधिक समझदार बनाती है. चंद्रमा की नकारात्मक प्रकृति चिंताओं का शिकार बनाती है.

यह अवसाद और तनाव ला सकती है. चंद्रमा का एक स्त्री पक्ष भी है जो आपकी पोषण संबंधी प्रवृत्ति को सामने लाता है और आपकी भावनाओं को आपके अवचेतन से बांधता है. 

चंद्रमा हार्मोन को नियंत्रित करने वाले मस्तिष्क में पीनियल ग्रंथि को प्रभावित करता है. वहीं मासिक चक्र पर भी इसका गहरा प्रभाव दिखाई देता है चंद्रमा का जन्म चंद्रमा से छठे, आठवें अथवां बारहवें भाव का गोचर इस चक्र को दर्शाता है . इसके साथ ही संतान उत्पत्ति समय की गणना को समझने के लिए चंद्रमा के गोचर की स्थिति विशेष होती है ओर इसी के अनुसार संतान उत्पत्ति की तिथि को समझा जा सकता है.

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चंद्रमा के घटते बढ़ते चरण का असर महिलाओं पर विशेष रुप से देखने को मिलता है. यह स्त्री की इच्छाओं से लेकर उसके शरीर में होने वाले बदलावों को प्रभावित करता है.
 
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