haritalika teej
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हरतालिका तीज का पर्व सुख एवं सौभाग्य को पाने का बेहद शुभ समय होता है. शास्त्रों के अनुसार हरतालिका तीज व्रत करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. इस समय पर किया जाने वाला व्रत व्यक्ति को अपनी पसंद का जीवन साथी प्रदान करने वाला होता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज व्रत मनाया जाता है. इस वर्ष हरतालिका तीज का त्योहार 18 सितंबर को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान महादेव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है.
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जीवन साथी की कामना होती है पूर्ण
इस व्रत की खासियत है कि विवाहित और अविवाहित महिलाएं सभी भगवान शिव के लिए व्रत रखती हैं. धार्मिक मान्यता है कि हरतालिका तीज व्रत रखने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही पति की उम्र लंबी होती है. इस व्रत के पुण्य से परिवार में समृद्धि आती है. व्यक्ति को पसंद का जीवन साथी मिलता है. भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो हरितालिका तीज के दिन पूजा के दौरान व्रत कथा जरूर पढ़नी चाहिए या फिर कथा को सुनना बहुत अच्छे फलों को प्रदान करता है.
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कथा से मिलता है शुभ फल
शिव पुराण के अनुसार, एक बार राजा दक्ष अपनी पुत्री के सती के शिव से वोवाह होने के फैसले से खुश नहीं थे. इसलिए किसी भी शुभ कार्य में भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया जाता था. एक बार राजा दक्ष ने एक विशाल यज्ञ का आयोजन किया. इस यज्ञ में भी भगवान शिव को नहीं बुलाया गया. यह जानकर माता सती ने भगवान शिव से उन्हें जाने देने का अनुरोध किया. भगवान शिव के बार-बार मना करने पर भी माता सती नहीं मानीं.तब भगवान शिव ने उन्हें जाने की अनुमति दे दी. भगवान शिव भविष्य जानते थे. अपने पति का अपमान सुनकर माता सती ने विधि-विधान से यज्ञ कुंड में अपनी आहुति दे दी. अगले जन्म में माता सती ने हिमालय के घर माता पार्वती के रूप में जन्म लिया.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
माता पार्वती को अपने पिछले जन्म की याद नहीं थी. माता पार्वती ने भगवान शिव को अपना पति मान लिया था. उस समय माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने हेतु कठोर तपस्या की थी. देवी पार्वती की पूजा से भगवान शिव प्रसन्न हुए उन्होंने प्रकट होकर माता पार्वती से विवाह करने का वचन दिया. इसलिए हरितालिका तीज व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी हो जाती हैं.