विज्ञापन
विज्ञापन
इसलिए यह दिन सिख समुदाय के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन को सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं.गुरु नानक जयंती हर साल कार्तिक माह में गुरु नानक देव जी क प्रकाश उत्सव मनाया जाता है जो उनके इस पृथ्वी के आगमन का समय भी है. पूर्णिमा के दिन मनाई जाने वाली गुरु नानक जयंती देश भर में भक्ति के साथ मनाई जाती है.
कार्तिक पूर्णिमा पर हरिद्वार में कराएं 365 दीपों का महादान एवं ब्राह्मण भोज, होगी दस महायज्ञों के समान पुण्य की प्राप्ति - 27 नवंबर 2023
सिख संप्रदाय के संस्थापन हुए गुरु नानक जी
गुरु नानक जी सिख समुदाय के पहले गुरु थे. गुरु नानक जी को उनके अनुयायी कई नामों से पुकारा करते थे. बाबा नानक, नानकदेव और नानकशाह जैसे नामों से भक्त उन्हें पुकारते हैं. गुरु नानक देव ने सिख धर्म की नींव रखी थी, इसलिए यह दिन सिख समुदाय के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन को सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं. गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व कहा जाता है क्योंकि उनके आने से ही समस्त लोक भी प्रकाशित हो गए.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित कर दिया था. उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर कर दिया. लोगों के मन से बुराइयों और बुराइयों को दूर करते थे और लोगों के जीवन से अंधकार को दूर कर उन्हें प्रकाशमय बनाते थे. यही कारण है कि नानक देव के अनुयायी उन्हें अपने जीवन का भगवान और गुरु मानते हैं और उनके जन्मदिन को प्रकाश के त्योहार के रूप में मनाते हैं.
आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ
गुरु नानक जयंती पर देश भर में होती है विशेष धूम
हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रकाश पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. देशभर के गुरुद्वारों में कई दिन पहले से ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं. गुरुद्वारों को फूलों और लाइट से सजाया गया है. सुबह से ही भक्तो के भीतर 'वाहे गुरु, वाहे गुरु' का जाप शुरु हो जाता है भक्त सुबह सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं. हर ओर गुरु के नामों का सुमिरन होता है.
गुरुद्वारों में गुरु जी के नाम एवं कीर्तन किए जाते है और लोग प्रसाद भी चढ़ाते हैं. इस दिन लोग दान-पुण्य करते हैं तथा सेवा के कार्य करते हैं. लोग गुरुद्वारे जाते हैं और मत्था टेकते हैं, गुरुवाणी का पाठ करते हैं और कीर्तन करते हैं. चारों ओर रोशनी की जाती है और चारों ओर भक्तों का समूह प्रकाश का उत्सव मनाता है.