खास बातें
Guru Gobind Singh Jayanti : गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर, जानें इनके जीवन की कुछ विशेष बातेंGuru Gobind Singh Jayanti 2024: गुरु गोबिंद सिंह जयंती का पर्व देश भर में उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन गुरु के नाम से अनेक स्थानों पर शब्द कीर्तन तथा लंगर की व्यवस्था की जाती है. गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती में भक्त शृद्धा के साथ शामिल होते हैं.
Guru Gobind Singh Jayanti significance इस शुभ अवसर पर चारों ओर भक्ति का माहौल देखा जा सकता है.
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Guru Gobind Singh Jayanti 2024: गुरु गोबिंद सिंह जयंती का पर्व देश भर में उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन गुरु के नाम से अनेक स्थानों पर शब्द कीर्तन तथा लंगर की व्यवस्था की जाती है. गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती में भक्त शृद्धा के साथ शामिल होते हैं.
Guru Gobind Singh Jayanti significance इस शुभ अवसर पर चारों ओर भक्ति का माहौल देखा जा सकता है. Gobind Singh जी की जयंती पर गुरुद्वारों में भक्तों की रौनक लगी रहती है. रात दिन भक्त माथा टेकने पहुंचते हैं.
भारत तथा विश्व भर में मौजूद सिख समुदाय द्वारा गुरु गोबिंद सिंह जयंती बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है. यह पर्व पंजाब प्रांत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक भी है. गुरु गोबिंद सिंह जयंती, के दिन को सिखों के अंतिम और दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के रुप में पूजा जाता है. गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन अत्यंत ही श्रेष्ठ रहा. वह एक महान योद्धा तो थे तथा कवि और दार्शनिक थे.
गुरु गोबिंद जी का जीवन और भक्ति का मिलन Guru Gobind Singh Jayanti history and significance of the day
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती हर साल धूम धाम के साहमनाई जाती है. भारत तथा विश्व भर में मौजूद सिख समुदाय द्वारा गुरु गोबिंद सिंह जयंती बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है. यह पर्व पंजाब प्रांत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक भी है. गुरु गोबिंद सिंह जयंती, के दिन को सिखों के अंतिम और दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह की जयंती के रुप में पूजा जाता है. गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन अत्यंत ही श्रेष्ठ रहा. वह एक महान योद्धा तो थे तथा कवि और दार्शनिक थे.
आज भी उनके विचारों और शिक्षाओं की सिख समुदाय द्वारा पूजा की जाती है. उनके वचनों को हर रुप में अपने जीवन में लाने के लिए भक्त सदैव आतुर दिखाई देते हैं. गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर, लोग उनकी बहादुरी के किस्से सुनाते हैं, उनकी शिक्षाओं और दर्शन को सीखते हैं और गुरु द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं.
गुरु गोबिंद जी भक्तों के जीवन पर रहा गहरा प्रभाव
गुरु गोबिंद सिंह जयंती इस साल 17 जनवरी को है. यह दिन बहुत भव्यता, धूमधाम और खुशी के साथ मनाया जाता है. गुरु गोबिंद सिंह का जन्म बिहार के पटना में हुआ था. मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने इस्लाम को अपना धर्म न मानने के कारण गुरु गोबिंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर का सिर कलम कर दिया था. गुरु गोबिंद सिंह की माता माता गुजरी थीं. जिस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था उसे अब तख्त श्री हरिमंदर जी पटना साहिब के नाम से जाना जाता है. आज के दिन भक्तों का उत्साह इस स्थान पर देखते ही बनता है. लाखों की संख्या में इस स्थान के लिए भक्त इस दिन पर पहुंचते हैं तथा अपने गुरु के प्रति समर्पण भाव एवं शृद्धा को प्रकट करते हैं.
गुरों की परंपरा में दस्वें गुरु थे गुरु गोबिंद सिंह जी
गुरु गोबिंद सिंह एक कवि और लेखक थे। उन्होंने खालसा पंथ की भी स्थापना की। बैसाखी के दिन गुरु गोबिंद सिंह को सिखों का दसवां गुरु घोषित किया गया. खालसा पंथ ने गुरु गोबिंद सिंह के मार्गदर्शन का पालन किया. अपनी मृत्यु से पहले गुरु ग्रंथ साहिब को सिख समुदाय के लिए स्थायी गुरु घोषित किया था, आज भी उनके विचारों और शिक्षाओं की सिख समुदाय द्वारा पूजा की जाती है. गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर, लोग उनकी बहादुरी के किस्से सुनाते हैं और गुरु द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं.