पूजा सामग्री में यदि शामिल की जाएं ये चीजें तो इसके द्वारा नवरात्रि पूजन का मिलता है संपूर्ण लाभ. नवरात्रि के प्रथम दिन से ही सभी चीजों को एकत्रित करते हुए पूजा आरंभ की जाती है. इस समय पर घटस्थापना करने का विशेष समय होता है और समस्त सामग्री के साथ किया गया घट स्थापना पर्व समस्त प्रकार की शुभता का संकेत प्रदान करने वाला होता है.
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नौ दिन माता के नव रुप की पूजा
नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. साल भर में नवरात्रि का समय अलग-अलग माह में होता है. इसमें से चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और माघ एवं आषाढ़ नामक गुप्त नवरात्रि शामिल होते हैं. जहां सामान्य चैत्र और शारदीय नवरात्रि समस्य लोगों ग्रहस्थ के लिए माने गए हैं वहीं गुप्त नवरात्रि को तंत्र एवं साधना हेतु विशेष माना गया है.
गुप्त नवरात्रि आने वाली है. पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरु होंगे और इस समय माता को भेंट एवं पूजन के लिए उपयोग की जाने वाले सामग्री भी बहुत विशेष होती है.
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गुप्त नवरात्रि पूजन सामग्री
गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ 19 जून 2023 से है और यह 28 जून तक मनाया जाएगा. तक मनाते हैं. नवरात्रि की पूजा में लाल रंग को विशेष रूप से उपयोग में लाया जाता है. इस समय पर चौकी पर देवी को स्थापित किया जाता है. मां को लाल चुनरी पहनाई जाती है. नवरात्रि में पूजन सामग्री में फूल, फल, लौंग, बताशा, आम के पत्ते, सुपारी, पान, हल्दी की गांठ, कुमकुम, रोली, शहद, शक्कर, पांच प्रकार के मेवे, जावित्री, नारियल, गंगाजल और दीपक आदि शामिल हैं.
माता की आरती एवं कथा की पुस्तकों को भी रखा जाता है. इस समय पर भक्त शुद्ध मन के साथ स्नान आदि करने के बाद नवरात्रि व्रत का संकल्प लेते हैं. अखंड ज्योत के साथ माता का पूजन आरंभ होता है. नवरात्रि पर नियमित रुप से कथा का पाठ होता है मंत्रों का पाठ होता है. माता को प्रत्येक दिन अलग अलग भोग अर्पित करने के पश्चात पूजन विधि संपन्न होती है.