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Home ›   Blogs Hindi ›   Govatsa Dwadashi: Worshiping Govatsa Dwadashi in the month of Kartik gives happiness of children.

Govatsa Dwadashi: कार्तिक माह में आने वाली गोवत्स द्वादशी का पूजन देता है संतान सुख

my jyotish expert Updated 08 Nov 2023 12:54 PM IST
Govatsa Dwadashi
Govatsa Dwadashi - फोटो : my jyotish
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कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी को गोवत्स द्वादशी के रूप में पूजा जाता है. इस दिन पर गाय की पूजा की जाती है तथा संतान सुख की कामना भी पूर्ण होती है. धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन गाय माता सहित उसके बछड़े की पूजा करने से जीवन में संतान की सुख समृद्धि सदैव प्राप्त होती है. परंपरा अनुसर यह पर बेहद ही विशेष माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार यह व्रत बच्चों की लंबी उम्र के लिए किया जाता है. सुबह और संध्या के समय गाय और बछड़ा दोनों का एक साथ पूजन किया जाता है. इस दिन पर बछड़े वाली गाय की पूजा करनी चाहिए और कथा सुनकर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए .

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गोवत्स द्वादशी से मिलता है संतान सुख 
धार्मिक मान्यता के अनुसार यह व्रत सभी प्रकार से संतान की सुरक्षा करने वाला होता है. इस दिन कथा सुनकर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए. कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को गौ वत्स का त्योहार मनाया जाता है. इस अवसर पर गाय और बछड़े की पूजा की जाती है. भारतीय धार्मिक पुराणों में कहा गया है कि गौ माता में सभी तीर्थों का वास है. पूज्य गौमाता ऐसी माता है जिसकी बराबरी न तो कोई देवता कर सकता है और न ही कोई तीर्थ. गौ माता के दर्शन मात्र से ही ऐसा पुण्य प्राप्त होता है जो बड़े-बड़े यज्ञ, दान आदि करने से भी नहीं मिलता.
  
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गौवत्स द्वादशी महत्व  
इसीलिए बछ बारस यानी गोवत्स द्वादशी के दिन महिलाएं अपने पुत्र की सुरक्षा, लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए यह त्योहार मनाती हैं. इस दिन भगवान श्री विष्णु का पूजन भी होता है. द्वादशी तिथि के दिन श्री विष्णु पूजन के साथ ही भागवत कथा का श्रवण भी किया जाता है. शास्त्रों में इसका महत्व बताते हुए कहा गया है कि इस शुभ दिन घर की महिलाएं गौ माता की पूजा करती हैं. वह उसे रोटी और हरा चारा खिलाकर तृप्त करती है, उस घर पर सदैव देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और उस परिवार में कभी भी अकाल मृत्यु नहीं होती है.
 
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