Gayatri Mantra
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किसी भी मंत्र का जाप एक बेहद विशेष क्रिया होती है. इन मंत्र जाप की शक्ति के द्वारा कई तरह के लाभ प्राप्त कर पाना भी संभव होता होता है. इसी में एक मंत्र है जिसे सभी में विशेष स्थान प्राप्त होता है. गायत्री मंत्र. यह गायत्री मंत्र समस्त मंत्रों के मध्य अत्यंत ही विशेष रुप पाता है.
हिंदू धर्म में मंत्र जाप के बारे में विस्तार से बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि गायत्री मंत्र जाप से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है. ऐसे में व्यक्ति को प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र के जाप द्वारा सभी प्रकार की शुभता एवं इच्छाओं की पूर्ति होती है.
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गायत्री जाप प्रभाव
हमारे शरीर में प्राण, चक्र और इंद्रियाँ ऊर्जा का स्रोत हैं. इन सभी पर मंत्र जाप का अलग अलग असर भी पड़ता है. मंत्र जाप से शरीर में ऊर्जा बढ़ती है तथा यह ऊर्जा शरीर को स्वस्थ रखने में सहायक होती है. अभ्यास करने के बाद खुद को सिद्ध करने के लिए कोई भी एक मंत्र चुन सकते हैं. इसी में जब हम गायत्री का चयन करते हैं तो इस मंत्र को अपने त्रिवेणी चक्र यानी दोनों आंखों के बीच और नाक के ऊपर ले आएं.
फिर इस मंत्र के एक-एक शब्द को दोनों आंखें बंद करके धीरे-धीरे पढ़ना चाहिए और जपते रहना चाहिए. इस तरह सभी इंद्रियां और मन इस मंत्र पर काम करना शुरू कर देते हैं. अगर मन भटकने की कोशिश भी करेगा तो आपका मंत्र मन को भटकने नहीं देगा. बस इस मंत्र को बार-बार दोहराते रहने भर से मन और इंद्रियां नियंत्रण में रहते हैं.
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गायत्री मंत्र जाप लाभ
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्.'
गायत्री मंत्र जाप के बारे में विस्तार से बताया गया है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र जाप से व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा आती है. मन के नकारात्मक तत्व समाप्त हो जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति को प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र का जाप दिन में कभी भी कर सकते हैं इसके अलावा इस मंत्र को सूर्योदय से ठीक पहले करना बेहद विशेष होता है वहीं सूर्यास्त के बाद भी इस मंत्र का जाप उत्तम माना गया है.