जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. लोग अपने घरों में सुख-समृद्धि और सभी कष्टों को दूर करने के लिए भगवान गणेश की मूर्ति रखते हैं. इतना ही नहीं लोग उपहार में भगवान गणेश की मूर्तियां भी देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीगणेश को घर में रखने के कुछ नियम भी होते हैं. वास्तु के अनुसार अगर इन बातों को नजरअंदाज किया जाए तो यह अशुभ भी हो सकता है.
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प्रभु के विभिन्न रुप एवं प्रभाव
पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी का पर्व भादो माह में विशेष रुप से संपन्न होता है. यह त्योहार पूरे देश में बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है. इन दिनों में भगवान गणेश के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. यह त्यौहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और उत्तर भारत में मनाया जाता है. इस त्योहार के दौरान लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और अन्नत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है.
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घर की किसी भी दीवार या कोने में बिना सोचे-समझे भगवान गणेश की मूर्ति नहीं रख सकते. घर में बाथरूम की दीवार पर भगवान गणेश की मूर्ति न लगाएं. इतना ही नहीं घर के शयनकक्ष में भगवान गणेश की मूर्ति रखना भी शुभ नहीं होता है. ऐसा करने से दांपत्य जीवन में कलह और पति-पत्नी के बीच अनावश्यक तनाव बना रहता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, भगवान गणेश की नृत्य करती हुई मूर्ति घर पर न लाएं और न ही किसी को उपहार में दें. कहा जाता है कि घर में गणेश जी की नृत्य करती हुई मूर्ति रखने से घर में कलह होती है. वहीं अगर आप इसे किसी को उपहार में देते हैं तो उनके घर में भी कलह बनी रहती है.
अगर आप गणपति को घर ले जा रहे हैं तो ऐसे गणपति खरीदें जिनकी सूंड बाईं ओर हो. घर में हमेशा वाममुखी गणपति को ही लाना चाहिए. क्योंकि दाहिनी ओर सूंड वाले गणपति की पूजा करने के लिए पूजा के विशेष नियमों का पालन करना पड़ता है.