Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023: विभुवन संकष्टी चतुर्थी कब है जाने पूजा मुहूर्त और महत्व
- फोटो : google
आश्विन माह में आने वाली कृह्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन गनेश जी का पूजन किया जाता है. इस दिन श्राद्ध पक्ष की चतुर्थी के साथ साथ श्री गणेश पूजन चतुर्थी का समय भी होता है. साल भर में पड़ने वाली चतुर्थी में से आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन की जाने वाली पूजा भक्तों को सुख प्रदान करने वाली होती है. इस शुभ दिन पर गणपति की पूजा भक्त पूरी श्रद्धा के साथ करते हैं. चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करने से घर में समृद्धि, समृद्धि, सौभाग्य और धन-संपत्ति का आगमन होता है.
सर्वपितृ अमावस्या पर हरिद्वार में कराएं ब्राह्मण भोज, दूर होंगी पितृ दोष से उत्पन्न समस्त कष्ट - 14 अक्टूबर 2023
गणेश चतुर्थी पूजा मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ
2 अक्टूबर , 2023 को 07:36 होगा और इसकी समाप्ति 03 अक्टूबर 2023 को 06:11 पर सुबह के समय होगी. विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी सोमवार,
अक्टूबर 2, 2023 को
मनाई जाएगी. इस दिन गणेश पूजन के साथ साथ चंद्रमा का पूजन किया जाएगा. संकष्टी के दिन चन्द्रोदय का समय 08:05 का रहने वाला है. इस समय चंद्र पूजन के साथ व्रत संपन्न होगा. इस शुभ दिन पर भगवान का पूजन करने से व्यक्ति के जीवन में कष्टों का समापन होता है तथा जीवन में सफलता का मार्ग प्रश्स्त होता है.
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 29 सितम्बर - 14 अक्टूबर 2023
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
गणेश चतुर्थी के अवसर पर सुबह के समय स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर पूजा की शुरुआत करते हैं. इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं तथा पूजा आरंभ की जाती है. मंत्र एवं गणेश आरती के साथ बप्पा को प्रसन्न करते हैं. अगरबत्ती, आरती की थाली, सुपारी, सुपारी इत्यादि को भगवान के समक्ष अर्पित किया जाता है. इस दौरान 'ओम गं गणपतये नम:' मंत्र का जाप करते हुए गणपति आराधना करते हैं.
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न - 14 अक्टूबर 2023
संध्या के समय गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश पुराण, गणेश चालीसा, गणेश स्तुति, श्री गणेश सहस्रनामावली, गणेश जी की आरती, संकटनाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करते हुए चतुर्थी का व्रत एवं पूजन किया जाता है. इसके बाद भोग अर्पित करते हुए भगवान के समक्ष सुख समृद्धि की कामना करते हैं. इस प्रकार चतुर्थी का पूजन करते हुए भगवान सब ही प्रकार की विपत्तियों से हमारी रक्षा करते हैं तथा जीवन में शुभता एवं समृद्धि को भर देने वाले होते हैं.