शनि देव को करें प्रसन्न, शनि त्रयोदशी पर कोकिलावन शनि धाम में कराएं शनि देव का पूजन
किस तरह लाएं गणेश जी की मूर्ति ताकि घर में हो मंगल ही मंगल
• अगर आप गणेश जी की प्रतिमा लेने जा रहे हैं तो नए सफेद वस्त्र धारण करें और सिर पर टोपी या साफा ले सकते हैं। अपने साथ एक तांबे की थाली या लकड़ी की चौकी ले जाए। जिसमें गणेश भगवान को विराजमान करके घर लाएंगे। और अपने साथ एक घंटी या कोई वाद्य यंत्र ले जाएं।
• बाजार में जो भी गणेश की प्रतिमा आपको पसंद आए उसे ले और किसी भी तरह का मोल भाव ना करें। प्रतिमा वाले को उसकी दक्षिणा देकर पूरे विधि विधान से प्रतिमा घर ले आए।
• गणेश जी की मूर्ति का विशेष महत्व होता है। आप बाजार में जाएं और एक सुंदर सी प्रतिमा ले और उसे अच्छे से जांचें कि वह कहीं से टूटी और उसमें कोई दरार ना आई हो। उसे अपने घर पूरी विधि विधान से ले आए।
• गणेश जी के आगमन से पूर्व घर और द्वार को सजाया जाता है। जहां पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना करनी है उस जगह को अच्छे से साफ कर ले।
• सफाई के बाद अगर आपके पास है गंगाजल है तो उसका छिड़काव कर दें। उस जगह पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं और उसमें चार बिंदिया भी लगाएं। और उस जगह पर थोड़े से अक्षत रखें और उस जगह पर एक तखता या लकड़ी की एक चौकी रखें और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछा दें। अर्थात गणेश जी के आगमन से पूर्व जहां पर उनकी स्थापना करनी है। वह जगह सजा कर रखें।
• एक पूजा की थाली में स्वास्तिक बना ले और उस पर कुछ अक्षत डालें और पूजा की थाली में पूजा का सामान जैसे- अक्षत, लाल सिंदूर, मूली और एक दीप जला ले। और गणेश जी के आगमन पर उनकी पूजा करें।
• आरती के बाद मंगल गीत गाते हुए उन्हों को उनकी जगह पर विराजमान करें और सभी में मिठाई बांटे। और गणेश जी को भी मिठाई का भोग लगाएं।
• अब आप पूरी विधि विधान से गणेश जी की पूजा करें और आपके सभी कष्ट और समस्याओं का समाधान गणेश जी स्वयं कर देंगे।
इस तरह हमारे हिंदू समाज में प्रत्येक वर्ष गणेश चतुर्थी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन 2 साल से कोरोना के कारण यह विधि पूर्वक तो बनाया जा रहा है लेकिन इसमें वह चमक नहीं है जो पहले थी इसलिए आप इस गणेश चतुर्थी पर अपने परिवार वालों के साथ इसे धूमधाम से बनाएं और अपनी सेहत का भी ध्यान रखें।
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