myjyotish

6386786122

   whatsapp

8595527218

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Ganesh Chaturthi 2023: Why does Lord Ganesha get angry when Tulsi is offered? Know its religious significance.

Ganesh Chaturthi 2023 : आखिर तुलसी चढ़ाने से क्यों नाराज हो जाते हैं भगवान गणेश जानें इसका धार्मिक महत्व

my jyotish expert Updated 21 Sep 2023 10:57 AM IST
Ganesha Chaturthi 2023
Ganesha Chaturthi 2023 - फोटो : my jyotish
गणपति की पूजा सभी प्रकार के विध्नों को समाप्त कर देने वाली मानी जाती है इसी कारण गणपति जी प्रथम पूज्य के रुप में पूजनीय देवता हैं. गणेश उत्सव के दौरान अनेक प्रकार से गणपति की पूजा उपासना की जाती है. गणेश पूजा में तुलसी का होना शुभ नहीं माना जाता है. धर्म कथाओं एवं पुराणों में बताया गया है कि भगवान विष्णु, राम और कृष्ण को तुलसी जी अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और प्रसाद स्वीकार करते हैं. लेकिन भगवान गणेश को भोग लगाने में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है. भगवान गणेश को तुलसी चढ़ाने से भगवान नाराज हो जाते हैं. आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकता है आइये जानते हैं इसका रहस्य. 

मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों 

भगवान को इस कारण नहीं अर्पित करते हैं तुलसी 
भगवान गणेश को तुलसी क्यों अप्रित नहीं की जाती है इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. पुराणों में बताया गया है कि एक बार भगवान गणेश गंगा नदी के तट पर तपस्या कर रहे थे. इसी दौरान धर्मात्मज की पुत्री तुलसी विवाह की इच्छा से तीर्थयात्रा पर निकलीं. देवी तुलसी सभी तीर्थ स्थानों का भ्रमण करते हुए गंगा तट पर पहुंचीं. गंगा तट पर देवी तुलसी ने देखा कि युवा गणेशजी तपस्या में लीन हैं. शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश तपस्या में लीन होकर रत्नों से जड़ित सिंहासन पर विराजमान थे. उनके शरीर के सभी अंगों पर चंदन लगा हुआ था. उनके गले में पारिजात पुष्पों के साथ-साथ सोने और बहुमूल्य रत्नों के अनेक हार थे. उसकी कमर पर एक अत्यंत मुलायम रेशमी दुपट्टा लिपटा हुआ था.

गणपति स्थापना और विसर्जन पूजा : 19 सितंबर से 28 सितंबर 2023

तुलसी भगवान गणेश के इस सुंदर रूप पर मोहित हो गईं. उनके मन में गणेश जी से विवाह करने की इच्छा उत्पन्न हुई. तुलसी ने विवाह की इच्छा से उन्हें विचलित कर दिया. तब भगवान श्रीगणेश ने तुलसी द्वारा अपनी तपस्या भंग करना अशुभ माना और तुलसी की मंशा जानकर स्वयं को ब्रह्मचारी बताकर उनके विवाह प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.

काशी दुर्ग विनायक मंदिर में पाँच ब्राह्मणों द्वारा विनायक चतुर्थी पर कराएँ 108 अथर्वशीर्ष पाठ और दूर्बा सहस्त्रार्चन, बरसेगी गणपति की कृपा ही कृपा सितंबर 2023

विवाह प्रस्ताव अस्वीकार करने पर तुलसी क्रोधित हो गईं और उन्होंने गणेशजी को श्राप दिया कि उनके एक नहीं बल्कि दो विवाह होंगे. इस पर श्रीगणेश ने भी तुलसी को श्राप दिया कि उसका विवाह एक राक्षस से होगा. तब से  गणेश जी के पूजन में तुलसी चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता है तभी से भगवान श्रीगणेश की पूजा में तुलसी चढ़ाना वर्जित माना जाता है.
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support


फ्री टूल्स

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X