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जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
एकादशी तिथि व्रत नियम
पंचांग के अनुसार एकादशी का व्रत कई नियमों के द्वारा चलता है. एकादशी के दिन बाल गोपाल का पूजन होता है तथा श्री विष्णु के स्वरुप का पूजन होता है. शास्त्रों में इस दिन के लिए कुछ नियम बेहद अहम होता है. इस दिन पर प्रातः काल जल्दी उठना चाहिए. इसके साथ ही स्नान करने के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए.
एकादशी के दिन पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करना बहुत उत्तम माना गया है. पीले रंग का संबंध भगवान विष्णु से माना जाता है जिन्हें पीतांबर भी कहा जाता है अत: इस दिन इन रंगों का उपयोग शुभदायी होता है.
एकादशी के दिन न करें इन कार्यों को
इस दिन काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. नाखून काटना भी वर्जित बताया गया है क्योंकि अगर आप ऐसा करना चाहते हैं तो आपके जीवन में दरिद्रता छा सकती है. मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और यह दारिद्र का संकेत बनता है.
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एकादशी के दिन भी प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए. इन दोनों ही चीजों को तामसिक भोजन माना जाता है इसलिए इनके सेवन से पूजा की शुभता कम हो जाती है. मानसिक शांति एकाग्रता कम होती है और इससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है. इसलिए एकादशी के दिन प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए.
एकादशी के दिन भूलकर भी शराब या किसी भी प्रकार का सेवन नहीं करना चाहिए.