जानिए शीघ्र विवाह के लिए आसान ज्योतिष उपाय
अपनी संतान की समय पर शादी करवाना हर माता-पिता व परिवार का एक सपना होता है। बच्चों के प्रति जिम्मेदारियों में, विवाह समय पर और सही घर में करवाना एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। आज के समय में कई युवा विवाह समय पर न होने की वजह से चिंतित हैं और इस कारण से अपने रोज़मर्रा के काम तक ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में विवाह से पूर्व या विवाह के समय आने वाली अड़चनों के कारणों की विस्तार में व्याख्या की गई है। विवाह में बाधा करने वाले कारणों के बारे में जानने के बाद, बताए गए उपायों को सही ढंग से करके आप इस गंभीर विवाह न होने की समस्या को खत्म कर सकते हैं।
कई लोग ज्योतिष शास्त्र की इन बातों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं और फलस्वरूप उनको रिश्ते नहीं मिल पाते और अगर मिल भी जाए तो किसी न किसी वजह से शादी तक बात नहीं पहुँच पाती। ऐसे में धीरे-धीरे उनकी उम्र बढ़ती जाती है और लोग व रिश्तेदार भी बातें बनाना शुरू कर देते हैं, जिससे शादी के लिए कन्या व वर ढूंढने में और भी ज्यादा कठिनाई हो जाती है। ऐसे में हमें ज्योतिष शास्त्र की मदद से विवाह न हो पाने के कारण को जानना चाहिए। आइए अब हम कारण, दोष और ग्रहों के बारे में चर्चा करते हैं जिसकी वजह से लोग वैवाहिक जीवन की खुशी से वंचित रह जाते हैं।
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
शुक्र का सामर्थ्यहीन होना
शुक्र के बलहीन होने पर विवाह में अड़चन आना एक सामान्य बात है क्योंकि शुक्र को प्रेम का अधिराज माना जाता है। शुक्र के कमजोर होने पर विवाह ही नहीं बल्कि जीवन के अन्य कार्याें को भी पूरा कर पाना मुश्किल हो जाता है।
बृहस्पति का शक्तिहीन होना
नीच राशि मकर में स्थित होने पर या सूर्य ग्रह के प्रभुत्व में आकर बृहस्पति ग्रह बलहीन हो जाता है। ऐसे में ग्रहों से पीड़ित हो कर बृहस्पति अस्त हो जाता है, जिसके कारण निश्चित ही जातक को विवाह न होने की परेशानी का सामना करना ही पड़ता है।
शनि ग्रह का रूष्ट होना
शनि एक ऐसा ग्रह है जिसकी खराब दृष्टि के कारण जीवन तक को खतरा बना रहता और दुर्घटना होने की संभावनाएं बनी रहती हैं, तो विवाह में बाधा आना तो एक साधारण सी बात है। शनि के उपाय करने से शादी समय पर हो जाने के काफी रास्ते खुल जाते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा को सामूहिक ब्राह्मण भोज करवाकर पाएँ ऋण से मुक्ति और पुण्यों में वृद्धि, बढ़ेगा धन-धान्य
सप्तमेश का कमजोर होना
सप्तमेश की स्थिति छह, आठ और बारह भाव में हो तो यह बलहीन पड़ जाता है, इसके अलावा अगर जातक का सप्तमेश नीच राशि में हो या बुरे ग्रहों के प्रभाव में आ गया हो, तो भी यह कमजोर पड़ जाता है और विवाह में देरी करता है।
मांगलिक दोष
यह एक ऐसा दोष है जो जातक की शादी में बाधा डालता है, लेकिन फिर भी जातक किसी तरह से वैवाहिक जीवन में आ जाता है तो घर में कलह और लड़ाई-झगड़े होते ही रहते हैं। इसलिए इसके बुरे प्रभाव को कम करने के लिए दोनों मांगलिक दोष वालों को ही विवाह के लिए चुना जाता है। इसी तरह नवांश कुंडली दोष का समाधान करना भी काफी आवश्यक है, यह भी प्रत्यक्ष रूप से विवाह में रुकावट डालने का काम करता है। इसके उपाय करना भी वैवाहिक सुख पाने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
ज्योतिष शास्त्र में गंभीर दोष व ग्रहों के समाधान हेतु उपायों को करना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इनको विधि-विधान से करना बहुत जरूरी है, परंतु मानव जीवन की प्रत्येक समस्या का समाधान ज्योतिष शास्त्र में उपलब्ध है।
अधिक जानकारी के लिए, हमसे instagram पर जुड़ें ।
अधिक जानकारी के लिए आप Myjyotish के अनुभवी ज्योतिषियों से बात करें।