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जानिए दिवाली के दिन किन गलतियों को भूल कर भी नहीं करना चाहिए वरना मां लक्ष्मी हो सकती हैं नाराज़

My jyotish expert Updated 03 Nov 2021 12:56 PM IST
Ma lakshmi blessings
Ma lakshmi blessings - फोटो : google
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कार्तिक मास की अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस बार 4 नवंबर के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा  का विधान है। विधि-विधान के साथ इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है, ताकि सालभर मां की कृपा बनी रहे। घर में धन-वैभव का आगमन होता है।

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मां लक्ष्मी की पूजा अकेले ही की जाती

आमतौर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा साथ में ही की जाती है। जैसे शिव जी की पूजा के समय माता पार्वती की पूजा भी की जाती है। उसी तरह भगवान विष्णु की पूजा के समय मां लक्ष्मी को भी पूजा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा अकेले ही की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु मां लक्ष्मी के साथ नहीं पूजे जाते हैं। क्या आप इसकी वजह जानते हैं? तो चलिए जानते हैं   

पूजा का भी विधान

दिवाली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की जगह गणेश जी मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन कुबेर देव की पूजा का भी विधान है। ताकि सालभर धन-समृद्धि और बुद्धि मिल सके। साथ ही अगर घर में मांगलिक कार्य के दौरान कोई संकट या बाधा नहीं आती। सालभर में सिर्फ दिवाली के दिन ही मां लक्ष्मी के पति भगवान विष्णु साथ में पूजे नहीं जाते। इसके पीछे धार्मिक ग्रंथों में एक खास वजह बताई गई है। आइए जानते हैं  

 इसलिए नहीं होती भगवान विष्णु की पूजा 

दिवाली का त्योहार देशभर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है। लेकिन उनके साथ भगवान विष्णु की पूजा नहीं की जाती, इसके पीछे एक खास वजह है। दरअसल, भगवान विष्णु चातुर्मास के दौरान निद्रा योग में होते हैं। दिवाली भी चतुर्मास के दौरान ही पड़ती है।

फूलों की रंगोलियां सजाई जाती हैं

दिवाली के बाद देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार माह की निद्रा के बाद जागते हैं।  क्योंकि चातुर्मास के दौरान दिवाली पड़ती है। और इस दौरान उनकी निद्रा भंग न हो इसलिए दिवाली के दिन उनका आह्वान-पूजा नहीं की जाती। कार्तिक पूर्णिमा के दिन जब भगवान विष्णु चार माह की निद्रा से जागते हैं तो उस तीन देवों के द्वारा दिवाली मनाई जाती है। जिसे देव दिवाली कहते हैं। इस दिन मंदिरों में खूब सजावट की जाती है और फूलों की रंगोलियां सजाई जाती हैं।


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