Dhanteras
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धनतेरस का त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. धन तेरस का समय बहुत ही शुभ समय होता है. धर्म शास्त्र के अनुसार इस दिन को आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने के लिए बहुत विशेष माना जाता है. इस दिन को कई रूपों में मनाने की परंपरा रही है. इस शुभ दिन पर ही चीजों की खरीदारी से जुड़े काम होते हैं जिन्हें आने वाले समय की शुभता के लिए देखा जाता है. इस दिन समस्त नई चीजों की भी पूजा की जाती है. यह दिन सुख प्राप्ति के लिए भी शुभ माना जाता है.
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धनतेरस पर विभिन्न वस्तुओं की होती है खरिदारी
इस दिन लोग अपने घरों में अपनी क्षमता के अनुसार नई चीजें लाते हैं. ये वस्तुएं आभूषण, वाहन, घर, संपत्ति, बर्तन, सोना, चांदी आदि किसी भी रूप में हो सकती हैं. इस दौरान हर प्रकार की छोटी वस्तुओं के अलावा बड़े कार्यों को को करने का समय होता है. यह शुभ दिन हर तरह की शुभता देने वाला होता है. ऎसे में इस दिन चीजों को घर लाना बेहद खास होता है. धर्म कथाओं के अनुसार इस समय की गई खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है. नई वस्तुओं का आगमन घर की समृद्धि को बढ़ाने का काम करता है. इस कारण घर में लक्ष्मी का वास होता है. साथ ही इस समय लाया गया सामान लंबे समय तक जीवन में शुभता प्रदान करता है.
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धनतेरस शुभ मुहूर्त काल
हर साल की तरह इस साल भी धनतेरस के मौके पर कुछ शुभ योग बन रहे हैं. दरअसल, इस दिन आप पूरे दिन खरीदारी कर सकते हैं. लेकिन अगर आप फिर भी निश्चित समय पर खरीदारी करते हैं तो आपको अधिक शुभता मिलती है. धनतेरस के दिन प्रदोष काल को बहुत खास माना जाता है, यह समय धनतेरस पूजा के लिए सर्वोत्तम होता है. इस कारण 10 नवंबर को आने वाला प्रदोष काल धनतेरस पूजा के लिए भी उपयुक्त रहने वाला है.
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धनतेरस 10 नवंबर को मनाया जाएगा और इस दिन पूजा का समय शाम को होगा. धन तेरस की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल पूजा शाम 17:30 बजे शुरू होगी और रात 20:08 बजे तक रहेगी.
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खरीदारी के लिए सुबह 10:30 से दोपहर 01:30 का समय शुभ रहेगा इसके बाद संध्या समय प्रदोष काल शुभ होगा. इस दिन वृषभ काल प्रदोष का समय स्थिर लग्न के रूप में प्राप्त होगा. स्थिर लग्न का समय 175:47 बजे से शुरू होकर लगभग 19:34 बजे तक रहेगा.