सही तरीके से करी गई पूजा का फल भी हमेशा उत्तम ही होता है, पर धन के देवता कुबेर की पूजा करने की कुछ विशेष की पद्धति है। इस दिन ऐसा माना जाता है कि हमें सबसे पहले भगवान धन्वंतरि की पूजा और फिर बाद में भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। इससे आपको मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
तो आइए अब जानते हैं कि किस प्रकार से हम धन के देवता कुबेर को प्रसन्न करके अपने घर में धन-धान्य की वर्षा कर सकते हैं।
बाकी सभी पूजा विधि की तरह यह पूजा भी आपको अपने घर में साफ सुथरी जगह पर या फिर घर के मंदिर के पास की जगह को साफ करके ही करनी चाहिए। अब हम आपको पूजा की विधि बताते हैं,
जो कि इस प्रकार है :
संतान की रक्षा-दीर्घायु एवं संतान प्राप्ति हेतु अहोई अष्टमी पर कराएं माँ पार्वती की अर्चना - ताम्रा गौरी मंदिर,गोकर्ण : 8 नवंबर 2020
· सबसे पहले घर में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा की दिशा निर्धारित करें
· अगर आप अपने घर के मंदिर में हो तो मंदिर के पास की पूर्व दिशा को चुने
· जहां पर आप पूजा करने जा रहे हो उस जगह को एकदम साफ कर दें
· सफाई के बाद गंगाजल से पूरी जगह को पवित्र करें
· रोली का हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व है। रोली से आप फिर स्वास्तिक बनाएं
· मिट्टी के दीए में दीप प्रज्वलित करें
· प्रसाद के रूप में मीठे या फल का भोग लगाएं
· फिर भगवान कुबेर का ध्यान करके इस मंत्र का जाप करें
संतान सुरक्षा एवं दीर्घायु प्राप्ति हेतु अहोई अष्टमी पर कराएं माँ पार्वती का कल्याणकारी पूजन !
ॐ धन्वंतरि नमः ।।
· घर में सब को प्रसाद बांटे और सब के लिए मंगल कामना करें ।
Myjyotish.com के की ओर से हम आशा करते हैं कि आपकी धनतेरस की पूजा कल्याणकारी और फलदायक सिद्ध हो।
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