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भाग्य और इच्छा
भाग्य उन चीज़ों के बारे में है जो हमारे नियंत्रण में नहीं हैं. इसके लिए हम कुछ नहीं कर सकते हैं लेकिन इच्छा शक्ति उन चीज़ों के बारे में है जो हमारे नियंत्रण में हैं. हम यह निर्धारित नहीं कर सकते कि क्या होने वाला है, लेकिन हमारे पास हमेशा अपनी प्रतिक्रियाएँ चुनने का विकल्प होता है और अगर हम चाहें तो गलत को भी सही करके अपने पक्ष में मोड़ सकते हैं. यह कुछ वैसे भी है जैसे की किसी को पानी का गिलास आधा भरा होने पर भी खाली लग सकता है ओर किसी को भरा लग सकता है.
Durga Sahasranam Path Online
हम जितना अधिक बौद्धिक एवं जगरुक बनते चले जाते हैं उतना ही बेहतर रुप से हम इस तथ्य को समझ पाएंगे. ज्ञान हमें अधिक स्वतंत्रता देता है की चीजें हमें कितनी जिम्मेदारी से चुनते हैं. भाग्य या नियति गणितीय रूप से पूर्वनिर्धारित नहीं है. गीता में, कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि उन्होंने जो कहा है उस पर वह विचार करे और फिर जैसा चाहें वैसा कार्य करे.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
अब इन स्थितियों में हममें से कई लोग चुनौतियाँ स्वीकार करते हैं और परिस्थितियों से बाहर निकलने के लिए संघर्ष करते हैं. लेकिन कुछ हार कर बैठ जाते हैं. बस यही अंतर है नियति ओर स्वतंत्र इच्छा शक्ति में. जब हम इस बात को समझ पाते हैं तभी मार्ग भी सुनिश्चित होते हैं.