आप जीवन में सुख, समृद्धि,सुभाग्य की कामना करते हैं? और साथ ही पितरों के पिंडदान की इच्छा रखते है तो आपके लिये दर्श अमावस्या से शुभ अवसर और कोई नही. आइए जानते हैं क्या है दर्श अमावस्या और क्यू है इसका महत्व।
दर्श अमावस्या और इसका महत्व -
हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक दर्श अमावस्या के पर चाँद पूरी तरह गायब रहता है. कहते हैं सुख, समृद्धि और परिवार के उद्धार की कामना के लिए ये दिन बहुत खास होता है. इस दिन पूर्वजों की पूजा करना शुभ माना जाता है. जो लोग इस दिन सच्चे मन से प्राथना करते हैं चंद्रदेव उनकी प्राथना जरूर सुनते हैं. इस दिन उपवास और विधि विधान से चंद्रदेव की पूजा करने से अध्यात्मिक संवेदनशीलता और मानसिक शीतलता प्राप्त होती है.
पितृ पूजा के लिए खास दिन दर्श अमावस्या -
पिंडदान मोझ प्राप्ति का एक सहज और सरल मार्ग है.दर्श अमावस्या की तिथि पिंड दान के लिये खास महत्व रखती है.दर्श अमावस्या की तिथि पर पितृ धरती पर आते हैं और परिवार जनों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.इसलिए इस तिथि पर पूर्वजों के लिए पूजा की जाती है. पितरों की पूजा होने से इस अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या भी कहा जाता है.
विष्णु पुराण के मुताबिक दर्श अमावस्या के दिन गया में पूर्ण श्रद्धा से पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोझ मिलता है. भगवान राम ने भी अपने माता पिता की आत्मा की शांति के लिए गया में ही पिंडदान किया था.गया को मोझ की भूमि भी कहा गया है.जो भी श्रद्धालु दर्श अमावस्या के दिन गया में अपने पितरों का पिंडदान करते है उनके पितृरों को अवश्य ही मोझ मिलता है.
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