विज्ञापन
विज्ञापन
लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023
दही हांडी उत्सव समय
इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी. अगले दिन 7 सितंबर 2023 को दही हांडी उत्सव मनाया जाएगा. दही हांडी मनाने की परंपरा भक्तों के द्वारा प्राचीन काल से ही चली आ रही है. दही हांडी उत्सव का संबंध श्री कृष्ण की नटखट लीलाओं से है. भगवान कृष्ण को बचपन में दही और मक्खन बहुत प्रिय था अत: आज भी उनके उस रुप का पूजन इस प्रकार से भी किया जाता है.
सौभाग्य पूर्ण श्रावण माह के सावन पर समस्त इच्छाओं की पूर्ति हेतु त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंगं में कराए रूद्र अभिषेक - 31 जुलाई से 31 अगस्त 2023
दही हंडी का महत्व
दही हांडी उत्सव में भगवान श्री कृष्ण के बाल स्वरुप कान्हा की पूजा की जाती है. हांडी मिट्टी से बना एक गोल पात्र होता है और उत्सव के लिए इस हांडी में दही और मक्खन भरा जाता है और फिर इसे किसी ऊंचे स्थान पर लटका दिया जाता है. लड़के और लड़कियों का एक समूह गोपाल बनकर इस खेल में भाग लेते हैं तथा मटकी फोड़ते हैं. इसे एक प्रतियोगिता के रूप में भी आयोजित किया जाता है. पौराणिक कथाओं में कान्हा अपने मित्रों के साथ माखन चुराते थे तब कई तरह की लीलाओं को किया करते थे. यही कारण है कि कान्हा माखन-चोर के नाम से प्रसिद्ध हुए. बाल गोपाल की इस हरकत से परेशान होकर गोपियाँ दही और मक्खन से भरे बर्तन को ऊँचे स्थान पर लटकाने लगीं. भगवान कृष्ण की दही चुराने की यह बचपन की लीला आज भी लोककथाओं के द्वारा उत्सव रुप में आज भी मौजूद है.