Diwali
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छोटी दिवाली का समय वह दिन है जो दिवाली से एक दिन पूर्व मनाया जाता है. इस दिन को नरक चतुर्दशी के रुप में भी जाना जाता है. इस दिन चारों ओर की चहल-पहल देखने लायक होती है. धनतेरस का समय छोटी दिवाली से पहले मनाया जाता है और दीपावली इसके बाद आती है.पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन को कष्टों से मुक्ति का समय माना जाता है. हर ओर से परेशानी दूर होती है. यम देव का इस दिन पूजन किया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, छोटी दिवाली कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. नरक चतुर्दशी ही छोटी दिवाली के नाम से जानी जाती है इसे रूप चतुर्दशी और काली चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. तो आइए जानें इस बार कब मनाई जानी है छोटी दिवाली और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त समय.
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छोटी दिवाली पूजा समय
इस बार छोटी दिवाली का समय 12 नवंबर 2023 का रहने वाला है. छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को प्रात:काल से आरंभ होगा. इस दौरान छोटी दिवाली की पूजा करना शुभ माना जाता है. इस दिन कई तरह के कार्य किए जाने का विधान रहा है. इस दिन यम का दीपक जलाने का भी विशेष महत्व होता है. इस दिन यम के नाम पर दीपक जलाने के पीछे एक कहानी है. जिसमें ऐसा माना जाता है कि एक बार यमदेव ने अपने दूतों को अकाल मृत्यु से बचने का उपाय बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को दीपक जलाता है. उसे कभी भी अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा. इसलिए नरक चतुर्दशी के दिन शाम के समय यम के निमित्त दीपदान करने की परंपरा है.
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छोटी दिवाली महत्व
छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी क्यों कहा जाता है. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था और तभी से इसे नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है. साथ ही अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त होता है. कुछ स्थानों पर तेल से स्नान करने से पहले उबटन लगाने की भी परंपरा है. इसलिए इस दिन तेल मालिश करते हैं और पानी से स्नान करते हैं तो मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही जीवन में तरक्की भी मिलती है.