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Chaturmas 2023 : चातुर्मास का समय होता है बेहद खास, जब भगवान होते हैं योग निद्रा में ओर सृष्टि में होते हैं बद

my jyotish expert Updated 01 Jul 2023 11:51 AM IST
Chaturmas 2023 : चातुर्मास का समय होता है बेहद खास, जब भगवान होते हैं योग निद्रा में ओर सृष्टि में ह
Chaturmas 2023 : चातुर्मास का समय होता है बेहद खास, जब भगवान होते हैं योग निद्रा में ओर सृष्टि में ह - फोटो : google
चातुर्मास का समय अपने नाम के अनुसार चार महीनों के मेल से बनता है. इन चार महीनों में चातुर्मास में मुख्य रूप से श्रावण मास, भाद्रपद मास, आश्विन मास और कार्तिक मास शामिल हैं. ये चार महीने आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत मूल्यवान माने जाते हैं. इस दौरान सिद्धियों की प्राप्ति का समय होता है, यह समय व्यक्ति की चेतना को मजबूत करने का समय होता है.

चातुर्मास का समय जीवन को नियम और अनुशासन से जीने को दर्शाता है. यहां व्यक्ति उन चीजों को सीखता है जिनके माध्यम से वह अपना जीवन सही और समग्र रूप से जी सकता है. इस साल 2023 में चातुर्मास का समय है, लेकिन इस समय अधिकमास आने से यह पांच महीने का समय हो जाएगा. इसके अलावा इस वक्त के हालात इसे और भी खास बना रहे हैं. चतुर्मास में अधिकमास का आना निश्चित रूप से धार्मिक दृष्टि से बेहद खास संयोग का समय बन जाता है.

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चातुर्मास में व्रत नियम अनुष्ठान 
चातुर्मास का समय भक्ति और ध्यान के लिए विशेष समय होता है. इस समय को चार माह की अवधि के रूप में जाना जाता है. इन चार महीनों के दौरान यह भगवान विष्णु के शयन का समय होता है. इन चार महीनों का समय अध्यात्म की दृष्टि से विशेष है. 

चातुर्मास में होता है साधु संतों का समागम 
चातुर्मास के समय में शुभ कार्यों पर प्रतिबंध होता है और इस समय भक्ति पर अधिक जोर दिया जाता है. इस दौरान साधु-संतों के दौरे पर भी रोक लगा दी गई है. इस दौरान सभी साधु-संन्यासी एक ही स्थान पर रहकर योगाभ्यास में लीन रहते हैं. 2023 में चातुर्मास का समय 29 जून से शुरू होगा और यह 23 नवंबर 2023 को समाप्त होगा. चातुर्मास के समय इस वर्ष सावन माह में अधिक मास की स्थिति बनेगी जिसके कारण इस बार 5 महीने का.

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चातुर्मास पर श्री विष्णु रहते हैं योग निद्रा में  
चातुर्मास का समय एक विशेष अवधि है, यह कई कारणों से महत्वपूर्ण है, विशेषकर यह प्रकृति के अनुसार खुद को ढालने का समय है. इस समय प्रकृति अपने परिवर्तन में होती है और जीवन को नए आयाम मिलते हैं.

संतों, भक्तों और साधुओं के लिए एक विशेष समय होता है. पौराणिक मान्यताओं के आधार पर माना जाता है कि चातुर्मास के चार महीनों के दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं, इसी कारण प्राचीन यज्ञ के इन चार महीनों को चातुर्मास्य के नाम से भी जाना जाता है. चातुर्मास की विशेषता और इसकी महिमा का विवरण कात्यायन श्रोतसूत्र जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है.
 

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