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चाणक्य नीति में आम जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. यह ज्ञान रिश्तों के लिए भी विशेष बनता है. दांपत्य जीवन में हमेशा प्यार बना रहना चाहिए जिसके लिए जरूरी है कि दोनों के बीच उम्र का अंतर ज्यादा नहीं होना चाहिए. चाणक्य द्वारा बताए गए सूत्रों का प्रभाव वैवाहिक जीवन के सुख से जुड़ी बातें भी शामिल हैं. पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर भी चाणक्य ने कुछ सलाह दी हैं, जिनके बारे में जानकर कई तरह के शुभ लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं. तो आइये जानते हैं नैतिक सिद्धांतों के अनुसार पति-पत्नी के बीच उम्र का अंतर वैवाहिक जीवन पर क्या प्रभाव डालता है?
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जीवन साथी की उम्र का अंतर दिखा सकता है ये प्रभाव
चाणक्य नीति के अनुसार स्त्री और पुरुष के बीच उम्र का ज्यादा अंतर अच्छा नहीं माना जाता है. उम्र में अधिक अंतर होने से जीवन कष्टमय हो जाता है. साथ ही शादीशुदा जिंदगी भी लंबे समय तक नहीं टिकती है. इसलिए पति-पत्नी के बीच उम्र का ज्यादा अंतर नहीं होना चाहिए.पति-पत्नी का रिश्ता शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. अगर दोनों के बीच उम्र का ज्यादा अंतर हो तो जीवन में ऐसी परेशानियां आती हैं जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकता. चाणक्य के अनुसार बूढ़े व्यक्ति को कम उम्र की लड़की से विवाह नहीं करना चाहिए. ऐसी शादी लंबे समय तक नहीं चल सकती.
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पति-पत्नी के बीच हमेशा प्यार बना रहना चाहिए. इसलिए दोनों के बीच उम्र का अंतर ज्यादा नहीं होना चाहिए. एक ही उम्र के लोगों की मानसिकता एक जैसी होती है, जिसके कारण दोनों एक-दूसरे को समझने में सक्षम होते हैं.पति-पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र होता है. इस बंधन को बनाए रखने के लिए एक-दूसरे की जरूरतों का ख्याल रखना होगा. अगर पत्नी अपने पति की जरूरतें पूरी नहीं करेगी तो जीवन में खुशी नहीं रहेगी.
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