myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Chaitra Purnima Vrat: Chanting Devi Sukta alleviates debt and poverty

Chaitra Purnima Vrat: चैत्र पूर्णिमा के व्रत पर देवी सूक्त का पाठ दूर करदेगा कर्ज और गरीबी का दुख

Acharya Rajrani Sharma Updated 22 Apr 2024 01:47 PM IST
chitra purnima
chitra purnima - फोटो : myjyotish

खास बातें

Chaitra Purnima 2024 : इस साल 23 अप्रैल 2024 के दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. इस दिन चैत्र पूर्णीमा का पर्व अपने साथ कई तरह के शुभ संयोग लाएगा. ऎसे में इस दिन देवी श्री सूक्त का जाप करने से दूर हो जाएंगे सभी तरह के आर्थिक संकट 
 
विज्ञापन
विज्ञापन
Chaitra Purnima 2024 : इस साल 23 अप्रैल 2024 के दिन चैत्र पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. इस दिन चैत्र पूर्णीमा का पर्व अपने साथ कई तरह के शुभ संयोग लाएगा. ऎसे में इस दिन देवी श्री सूक्त का जाप करने से दूर हो जाएंगे सभी तरह के आर्थिक संकट 

Chaitra Purnima Benefits. शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि इस दिन श्री विष्णु जी का पूजन देवी लक्ष्मी पूजन चंद्र देव पूजन हनुमान पूजन एवं भगवान शिव के पूजन से समस्त प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं देवों की उपासना करने से जीवन के समस्त कष्टों दूर हो जाते हैं एवं दुख-दरिद्रता का होता है नाश. 

अयोध्या के सिद्धपीठ श्री हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान (जन्मोत्सव) पर जीवन में समृद्धि और सफलता की प्राप्ति चढ़ाए चोला, प्रसाद पाए हनुमान जी का आशीर्वाद 23 अप्रैल 2024

चैत्र पूर्णिमा को यदि महालक्ष्मी श्री सूक्त का पाठ करने से कभी धन से कोई खाली नहीं रहता है. चैत्र पूर्णिमा के दिन ये एक स्त्रोत अगर आप मां लक्ष्मी के निमित्त करते हैं तो दुर्भाग्य आपसे दूर रहता है. 

चैत्र पूर्णिमा का दिन भगवान श्री विष्णु पूजन के साथधन की देवी देवी लक्ष्मी को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि जिस घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है उस घर में कभी दरिद्रता नहीं आती है. मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए व्यक्ति कई तरह के उपाय, पूजा-पाठ और टोटके करता है, लेकिन कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति चैत्र पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के श्री सूक्त का पाठ करता है तो दुर्भाग्य उससे कोसों दूर रहता है. आइये जानते हैं चैत्र पूर्णिमा के दिन इस पाठ के लाभ और विधि.
 

चैत्र पूर्णिमा के दिन पूजा एवं पाठ से लाभ

धन की अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी की शीघ्र कृपा पाने के लिए श्री सूक्त का पाठ करना बहुत लाभकारी होता है. ऐसा आप इस बार चैत्र पूर्णिमा के दिन कर सकते हैं. यह आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने में बेहद कारगर माना जाता है. चैत्र पूर्णिमा का दिन भगवान श्री विष्णु पूजन के साथधन की देवी देवी लक्ष्मी को समर्पित है. ऐसा माना जाता है कि जिस घर में देवी लक्ष्मी का वास होता है उस घर में कभी दरिद्रता नहीं आती है. श्री सूक्त का पाठ करने से धन धान्य का वरदान मिलता है. चैत्र पूर्णिमा के दिन श्री सूक्त का पाठ करने से दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है. घर में समृद्धि आती है. परिवार को कभी भी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता. व्यापार में उन्नति के अवसर खुलते हैं. यह एक उपाय पूर्णिमा को करने से मनोवांछित फल मिलता है.

हनुमान (जन्मोत्सव) पर सर्वबाधा निवारण और मनोकामाना पूर्ण करने हेतु महाबली हनुमान की पूजा और पाएं शत्रुओं के संकट से मुक्ति 23 अप्रैल 2024
 

श्री सूक्त पाठ  Laxmi ji Path 

ओम हिरण्यवर्णां हरिणीं, सुवर्ण-रजत-स्त्रजाम्,
चन्द्रां हिरण्यमयीं लक्ष्मीं, जातवेदो म आवह।।
तां म आवह जात वेदो, लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,
यस्यां हिरण्यं विन्देयं, गामश्वं पुरूषानहम्।।
अश्वपूर्वां रथ-मध्यां, हस्ति-नाद-प्रमोदिनीम्,
श्रियं देवीमुपह्वये, श्रीर्मा देवी जुषताम्।।
कांसोऽस्मि तां हिरण्य-प्राकारामार्द्रा ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीं,
पद्मे स्थितां पद्म-वर्णां तामिहोपह्वये श्रियम्।।
चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देव-जुष्टामुदाराम्,
तां पद्म-नेमिं शरणमहं प्रपद्ये अलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणोमि।।
आदित्य वर्णे तपसोऽधिजातो वनस्पतिस्तव वृक्षोऽक्ष बिल्वः,
तस्य फलानि तपसा नुदन्तु मायान्तरायाश्च बाह्या अलक्ष्मीः।।
उपैतु मां दैव सखः, कीर्तिश्च मणिना सह,
प्रादुर्भूतोऽस्मि राष्ट्रेऽस्मिन्, कीर्तिं वृद्धिं ददातु मे।।
क्षुत्-पिपासाऽमला ज्येष्ठा, अलक्ष्मीर्नाशयाम्यहम्,
अभूतिमसमृद्धिं च, सर्वान् निर्णुद मे गृहात्।।
गन्ध-द्वारां दुराधर्षां, नित्य-पुष्टां करीषिणीम्,
ईश्वरीं सर्व-भूतानां, तामिहोपह्वये श्रियम्।।
मनसः काममाकूतिं, वाचः सत्यमशीमहि,
पशूनां रूपमन्नस्य, मयि श्रीः श्रयतां यशः।।
कर्दमेन प्रजा-भूता, मयि सम्भ्रम-कर्दम,
श्रियं वासय मे कुले, मातरं पद्म-मालिनीम।।
आपः सृजन्तु स्निग्धानि, चिक्लीत वस मे गृहे,
निच देवी मातरं श्रियं वासय मे कुले।।
आर्द्रां पुष्करिणीं पुष्टिं, सुवर्णां हेम-मालिनीम्,
सूर्यां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।
आर्द्रां यः करिणीं यष्टिं, पिंगलां पद्म-मालिनीम्,
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं, जातवेदो ममावह।।
तां म आवह जात-वेदो लक्ष्मीमनप-गामिनीम्,
यस्यां हिरण्यं प्रभूतं गावो दास्योऽश्वान् विन्देयं पुरूषानहम्।।
यः शुचिः प्रयतो भूत्वा, जुहुयादाज्यमन्वहम्,
श्रियः पंच-दशर्चं च, श्री-कामः सततं जपेत्।।
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
X