खास बातें
Navratri के दिन मंत्रों से देवी पूजन सर्व सिद्धिदायक माना गया है. दुर्गा के नौ रुपों के 9 मंत्र पूर्ण करते हैं मनोकामनाएं. देवी के नव रुप नवरात्रि पूजा हेतु होते हैं विशेष.
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nav durga beej mantra में सभी देवियों के रुप वर्णित होते हैं. नवरात्रि बीज मंत्र के साथ चैत्र दुर्गा पूजा, पूरी करती है हर मनोकामना.देवी दुर्गा को शक्ति प्रदान करने के साथ साथ भक्ति को बल प्रदान करने वाली देवी के रुप में जाना गया है. श्री दुर्गा मंत्र, जानिए दुर्गा मंत्र जाप और लाभ. इन मंत्रों से प्रसन्न होती हैं मां दुर्गा, मां दुर्गा के सिद्ध मंत्र
चैत्र माह के नवरात्रि के दिन शक्ति पूजन के साथ अष्टमी पूजन और नवमी पूजन से संपूर्ण होती है देवी की भक्ति. इस समय पर किया गया मंत्र जाप देता है सिद्धियों का फल. आइये जान लेते हैं क्या हैं चैत्र नवरात्रि पर किए जाने वाले दुर्गा मंत्र.
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नवरात्रि 2024 दुर्गा बीज मंत्र लाभ Navratri 2024 durga beej mantra benefits
Beej Mantra का उपयोग सिद्धि को पाने हेतु किया जाता है. इस बार चैत्र 09 अप्रैल से नवरात्रि शुरू हो रही है. नवदुर्गा को समर्पित नवरात्रि का यह पावन पर्व 17 अप्रैल तक रहेगा और रामनवमी के साथ इसकी समाप्ति होगी. इन नौ दिनों में माता रानी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. शास्त्रों में दर्शाया गया है कि मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.नवरात्रि में 9 देवी पूजन 2024
नौ दिनों तक चलने वाले चैत्र नवरात्रि के दौरान भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं. देवी दुर्गा को प्रसन्न करने हेतु कई तरह के कार्य करते हैं. मां दुर्गा के नौ अवतार बताए गए हैं. इन अवतारों में मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां सिद्धिदात्री और मां महागौरी प्रमुख हैं.कामाख्या देवी शक्ति पीठ में चैत्र नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 09 अप्रैल -17 अप्रैल 2024 - Durga Saptashati Path Online
माँ दुर्गा के बीज मंत्र
नवरात्रि समय बीज मंत्रों का जाप उत्तम होता है. ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा ने जब जो रुप लिया वह किसी न किसी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ही लिया. तब माता ये नौ रूप धारण किए थे. मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के दौरान नवदुर्गा के बीज मंत्रों का जाप करना भक्तों के लिए लाभकारी साबित होता है. ऐसे में आइए जानते हैं मां दुर्गा के नव स्वरूपों के बीज मंत्रों के बारे में विस्तार पूर्वक.
शैलपुत्री बीज मंत्र
ह्रीं शिवायै नम:
प्रार्थना मंत्र
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
ब्रह्मचारिणी बीज मंत्र
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:
प्रार्थना मंत्र
दधाना कर पद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥
चंद्रघंटा बीज मंत्र
ऐं श्रीं शक्तयै नम:
प्रार्थना मंत्र
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥
मां कूष्मांडा बीज मंत्र
ऐं ह्री देव्यै नम:
प्रार्थना मंत्र
सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
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स्कंदमाता बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
प्रार्थना मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
कात्यायनी बीज मंत्र
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:
प्रार्थना मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
कालरात्रि बीज मंत्र
क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
प्रार्थना मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
प्रार्थना मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
सिद्धिदात्री बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:
प्रार्थना मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥