myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Bhaumvati Amavasya 2023: Do this work for peace of ancestors, Bhaumvati Amavasya, but

Bhaumvati Amavasya 2023: पितर दोष शांति के लिए करें, भौमवती अमावस्या, पर यह काम

my jyotish expert Updated 09 Dec 2023 01:00 PM IST
Bhaumvati Amavasya 2023
Bhaumvati Amavasya 2023 - फोटो : Myjyotish

खास बातें

Bhaumvati Amavasya 2023: शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस मंगलवार के दिन स्नान और दान का भी विशेष महत्व रहा है. मान्यता के अनुसार भौमवती अमावस्या के दिन पूजा करने से कुंडली से मंगल दोष और पितृ दोष भी दूर हो जाता है.
विज्ञापन
विज्ञापन
शास्त्रों के अनुसार अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, दिसंबर माह में आने वाली अमावस्या मंगलवार के दिन पड़ रही है जिस कारण इसे भौमवती अमावस्या के रुप में जाना जाएगा. मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इस अमावस्या को भौमवती अमावस्या और मंगलवारी अमावस्या भी कहा जाएगा. 

दर्श अमावस्या पर गया में कराएं पितृ तर्पण,पाएँ पितृदोष एवं ऋण से मुक्ति - 12 दिसंबर 2023

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि अमावस्या के दिन पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस मंगलवार के दिन स्नान और दान का भी विशेष महत्व रहा है. मान्यता के अनुसार भौमवती अमावस्या के दिन पूजा करने से कुंडली से मंगल दोष और पितृ दोष भी दूर हो जाता है. इसके अलावा भौमवती अमावस्या पर यदि कुछ कार्य कर लिए जाएं तो दूर होते हैं कई प्रकार के दोष 
 
अनुभवी ज्योतिषाचार्यों द्वारा पाएं जीवन से जुड़ी विभिन्न परेशानियों का सटीक निवारण

भौमवती अमावस्या तिथि 2023

इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की भौमवती अमावस्या तिथि 12 दिसंबर, मंगलवार को पड़ रही है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या तिथि 12 दिसंबर को सुबह 6:24 बजे से शुरू हो रही है और यह तिथि अगले दिन 13 दिसंबर को सुबह 5:01 बजे समाप्त हो रही है.

आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ

भौमवती अमावस्या पर स्नान का शुभ समय सुबह 05.14 बजे से अरंभ हो जाएगा. सूर्य उपासना के बाद पितरों को तर्पण करने का शुभ समय रात 11:54 बजे से 12:35 बजे के बीच है.अमावस्या का समय कई अर्थों में विशेष होता है. इस समय पर किया जाने वाला दान स्नान से जुड़ा कार्य विशेष परिणाम दिलाता है. यह समय पापों का नाश भी करता है. इस समय पर किया जाने वाला धार्मिक कार्य शुभ फल प्रदान करता है.

भौमवती अमावस्या उपाय 

अमावस्या के दिन अपने पितरों को याद करना चाहिए तथा उनके लिए पूजा शांति अवश्य करनी चाहिए. पितरों को जल अर्पित करें. इसके लिए आप काले तिल, कुशा, सफेद फूल और चावल का प्रयोग करना उत्तम होता है. कुशा के अग्र भाग से पितरों को जल अर्पित करें. इससे उन्हें संतुष्टि मिलती है. 

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

अगर पास में कुछ नहीं है तो आप अपनी मीठी वाणी और शृद्धा भक्ति से भी अपने पितरों को संतुष्ट कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने पितरों का ध्यान करते हुए कहना चाहिए कि हे पितृ देव! मैं अपनी बातों से आप सभी को संतुष्ट करता हूं, आप सभी संतुष्ट हों इस तरह से पितर सुख को पाते हैं और अपना आशीर्वाद परिवार को देते हैं. 
 
  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
X